रेवा-उमा वर्मा 

मेरी दीदी,  रेवा को  उसके  मायके से ले तो आया अमन पर उसका पारा गर्म  था, आखिर हुआ क्या, बताओ तो सही? अमन के पूछते ही आग उगलने लगी वह ।अपनी दीदी से कह दो, मेरी जिंदगी में दखल देना  बंद कर दे।चार दिन के लिए मायके क्या गई उनहोंने उपदेश का पुलिंदा भेज दिया … Read more

नया जमाना – प्रीती सक्सेना

आज पड़ोस के खाली घर में काफ़ी हलचल सी दिख रही है, लगता है, कोई आने वाला है, तभी जोर शोर से इतनी सफाई चल रही है, चलो कुछ रौनक बढ़ेगी, बातचीत के लिए पड़ोसन तो मिलेगी, सोचकर हम मन ही मन प्रसन्न हुए, और अंदर आ गए, शाम को पौधों को पानी दे रहे … Read more

गलतफहमी -माता प्रसाद दुबे

दो साल की नन्ही बच्ची को गोद में लिए मालती वकील के चैम्बर में प्रवेश करते हुए अपने अतीत के डरावने सच से भयभीत हो रही थी। “आओ मालती बैठो,कल तुम्हारा तलाक़ मंजूर हो जायेगा?”वकील ने मालती से कहा।”वकील साहब अब आप ही रवि नाम के जानवर से मुझे मुक्ति दिला सकते हैं?” कहते हुए … Read more

स्वर्णा – गीता वाधवानी

आज जब स्वर्णा कंप्यूटर इंजीनियर बन कर मेरे सामने आई तो, मैं खुशी से अपलक उसे निहारती ही रह गई। कितनी प्यारी और सुंदर लग रही थी हमारे स्वर्णा। अपने नाम के अनुरूप उसने गुण भी पाए थे। वह सचमुच सोना है सोना, खरा सोना।       हंसमुख, दयालु, कुशाग्र बुद्धि, थोड़ी चंचल चप्पल, खट्टी मीठी और … Read more

गुमनाम योद्धा –   तृप्ति उप्रेती

आँखों  में सतरंगी सपने लिए सुनीता ने दुल्हन के लिबास में ससुराल में पहला कदम रखा। हंसी खुशी के माहौल में सारी रस्में पूरी हुईं। दो तीन दिन में सभी रिश्तेदार चले गए और घर में सुनीता, उसके पति सुवीर, सास और ससुर  रह गए। बङी ननद की लगभग दस वर्ष पहले शादी हो चुकी … Read more

” माँ का आँचल ” – सीमा वर्मा

‘ अनीता सिन्हा’ बैंक में सीनियर असिस्टेंट की पोस्ट पर काम करती हैं। उनके पति का देहांत हो चुका है।  संतान सुख से वंचित वे घर में नितांत अकेली ही रहती हैं। वे रोज सुबह घर के सारे कामकाज निपटा कर पूजा के नाम पर भगवान् जी को सिर्फ़ अगरबत्ती दिखा कर ८. २० की … Read more

“बहु या बेटी” – ऋतु अग्रवाल

  “अरे चलो भाई! जल्दी बहू को विदा कराओ। अगर देर हो गई तो जगह-जगह जाम मिलने लगेगा।” “हाँ बात तो सही है,” सतीश जी ने कहा और अपनी पत्नी समिधा जी से कहा कि समधन जी को विदाई के लिए बोलो। थोड़ी ही देर में विदाई शुरू हो गई।बहु अवधि सब के गले लग कर … Read more

वह लड़की – निभा राजीव

राहुल उन लड़कों में से था, जिन्हें पढ़ाई से कोई मतलब नहीं होता। घर से कॉलेज से निकलना भी उनके लिए आवारागर्दी करने का एक माध्यम मात्र होता है ।               उस दिन भी वहअपना कॉलेज बंक कर दिन भर अपने दोस्तों के साथ मस्ती करता रहा। जब धीरे-धीरे अंधेरा गहराने लगा तो फिर उन लोगों … Read more

जीवनसाथी – निभा राजीव

निशा जी के पति रजत जी को रिटायर हुए 5 वर्ष हो चुके थे। उनका इकलौता बेटा अमेरिका में कार्यरत था और परिवार के साथ वही बस चुका था। शुरु शुरु में वो हर दिन कॉल करता था, पर अब कभी कभार भूले भटके ही उनकी खबर ले लिया करता है। मन पर पत्थर रख … Read more

ननद रानी सयानी। – सपना बबेले 

दोस्तों शादी के बाद जब नये घर बहू का आगमन होता है ‌। तो सासु मां तो खुश हो जाती हैं, पर ननद को अपनी भाभी आने की खुशी से ज्यादा, अपना वजूद कम होने की आशंका सताती रहती है। सीमा के साथ भी यही हुआ। जब सीमा की शादी नहीं हुई थी, तब उसकी … Read more

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