वो झूला – सरला मेहता

राधिका अपने बेटे को  झुलाते हुए अतीत में खो जाती है। पार्क,झूला व शाम, सब वही। बस कृष्णम के स्थान पर बेटा दिव्यम। इसी झूले पर एक हुए और बिछड़े भी। बस यही एक सहारा बचा ज़िन्दगी में। कैसे भुलाए उन लम्हों को। सहकर्मी कृष्णम के साथ उसकी सुहानी शामें यहीं बीतती थी। दोनों घण्टों … Read more

यादें – उमा वर्मा

आज मई की चौबीस तारीख है ।मेरे पति की बीसवीं बरसी।लगता है अभी कल ही की बात है ।समय कितना जल्दी बीत गया है ।वह दिन भुलाएँ तो कैसे? सुबह के आठ ही बजे थे पर उस दिन का सूरज मेरे लिए डूब चुका था ।सुबह उठे तो मैंने उन्हें  सहारा देकर  मुंह धुलाया।बाथरूम ले … Read more

नियति -तरन्नुम तन्हा

मैं कला प्रदर्शनी में देख तो वह पेंटिंग रही थी, लेकिन मेरा ज़ेहन मेरी बेटी की ओर ही था। वैसे मैंने अब तक शादी तो नहीं की है, लेकिन ग्यारह वर्ष की बेटी है मेरी, चित्रांशी, जो कमाल के चित्र बनाती है। वह नौ वर्ष की थी जब मुझे चाँदनी-चौक में एक औरत के साथ … Read more

तनु वेड्स मनु – अनुपमा 

नमस्कार दोस्तों आज जो कहानी मैं आप सभी को सुनाने वाली हूं वो आज की कहानी नही है , ये घटना है आज से तकरीबन पचास साल पहले की या उससे भी पहले की , लेकिन उस वक्त अगर ये कहानी कोई सुनता तो ये किसी को भी स्वीकार नहीं होती , हां आज के … Read more

अपना आकाश – अनुज सारस्वत

************ “बाईक क्यों रोक दी ? तू हमेशा आफिस से लौटते वक्त इसी जगह क्यों रोकता है ?आज तू बता कर ही रहेगाआखिर हुआ क्या है तुझे?” गुड़गांव से दिल्ली जाते वक्त फ्लाईओवर पर इंदिरागांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट जहाँ से रनवे साफ दिखता है, प्रफुल्ल ने बाईक रोकी थी तब पीछे  बैठे अंकित … Read more

तरसती ममता – गीतांजलि गुप्ता

*********** “आप दिन रात किस तैयारी में लगी हो अमृता” मिसेज शर्मा ने पूछा। “मेरा हितेन आ रहा है पच्चीस तारीख को अपने परिवार के साथ, बस उसको कोई कमी ना लगे इसलिए पूरी तैयारी कर रही हूँ।” अमृता ने जवाब दिया।” अमृता ने घर की धुलाई पुताई कराई करीब आठ साल बाद उनका बेटा … Read more

बीमार होना, पड़ गया भारी – गीता वाधवानी

  आप सोच रहे होंगे, बीमार पड़ना कैसे भारी पड़ गया? देखिए दोस्तों, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो काम नहीं करना चाहते और आराम करने के लिए बीमार होने का नाटक करते हैं और उस पर कमाल है कि बीमारी भी ऐसी बताते हैं जो सामने वाले को दिखाई ना दे जैसे कि पेट दर्द, … Read more

बैरी पिया – सुषमा यादव

,,,, एक राज़ की बात बताऊं,, आपको दिल की बात बताऊं नहीं, नहीं, सबको बता देंगे आप,, कहानी बना देंगे,,,,,, आप,,,,,,, इसलिए इस राज़ को हम , यहीं पर दफ़न कर देते हैं,,,जब आप कहेंगे,, आप पर पूरा भरोसा है, आप जो भी कहेंगी,,सच कहेंगी,,,सच के सिवाय कुछ नहीं कहेंगी,तब हम आपके सामने हाजिर कर … Read more

रेशमा – पूनम रावल

उस लड़की में ऐसा खास कुछ नहीं था जिस पर कहानी लिखी जा सके । मगर कुछ तो था कि मैं अपने आप को उसके बारे में लिखने से रोक नहीं पाई । सुबह सुबह पार्क के बेंच पर मैं उदास बैठी थी । घर और बच्चो की परेशानियों से मन उदास था । तभी … Read more

चरित्रहीन – पूनम रावल 

र्पाक मे सैर करते हुए मैंने देखा एक नौजवान लड़का एक अधेड़ उम्र की औरत को सहारा दे कर बैंच पर बैठा रहा था।मैंने सोचा शायद माँ और बेटा होंगे।उन्हें देखकर कुछ महिलाएं खुसर पुसर करने लगी ।मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि वे माँ बेटा नहीं हैं लेकिन एक ही घर मे एक साथ … Read more

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