अपना कोना – उमा वर्मा

New Project 94

मेरे जाने की खबर सुनते ही बेटा और बहू निकल पड़े हैं ।शाम की फ्लाइट पकड़ने के लिए ।कैब में मै भी उनके पास आकर बैठ गयी हूँ, लेकिन उन्हे  कुछ पता नहीं है ।मैं सबकुछ देख सुन रही हूँ लेकिन वे मुझे न देख रहे हैं न महसूस कर पा रहे हैं ।नियति का … Read more

दादी, मैं भी चलूँगी आपके मायके – मीनाक्षी सिंह

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दादी ,मैं भी चलूँगी आपके साथ आपके मायके ! आप कभी नहीं ले जाती ,इस बार तो मेरी छुट्टी भी हो गयी हैँ स्कूल की ,मुझे नहीं पता ,मैं अबकी बार मम्मी के मायके नहीं जाऊंगी ,वहाँ तो हमेशा जाती हूँ ! 7 साल की दिव्या अपनी दादी से हठ करते हुए बोली !  प्रेमलताजी … Read more

स्मृति “” खुद की माफी – रीमा महेन्द्र ठाकुर

New Project 91

स्मृति कुछ दिन पहले ही अपने ससुराल से आयी थी; पर उसके चेहरे के भाव से लग रहा था  की कही कुछ तो गडबड है! उसके चेहरे पर नयी दुल्हन जैसा कोई भाव न था! इस बात को सबसे पहले नोटिस कियाम्  मृदुला, ने” मृदुला और स्मृति दोनो एक दूसरे  के पडोसी थे! साथ साथ … Read more

बेटी – डा उर्मिला सिन्हा

New Project 89

 मैं गर्भवती हूं तीसरी बार।सारा शरीर आलस्य एवं एक अनजान आशंका से सुस्त सा है। मैं उत्साहित न सही पर तीसरे बच्चे के लिए मानसिक रूप से तैयार तो हो ही गई हूं।सच,मां बनना भी अपने आप में एक अनोखा अनुभव है। पहले से दो बेटियां हैं रिद्धि और सिद्धि। रिद्धि की उम्र सात और … Read more

बड़ी बेटी – मुकुन्द लाल

New Project 88

  हिमानी ने देखा, “बैंड-बाजों की मनमोहक संगीत की धुन पर थिरकती बारात आ रही है। सुसज्जित गाड़ी में राजकुमार जैसा खूबसूरत दूल्हा सिर पर चमकीला सेहरा बांधे बैठा हुआ है। सागर की उठती-गिरती तरंगों पर मचलती नौका की तरह, हर्ष व धूम-धड़ाके से परिपूर्ण वातावरण में दूल्हा की सजी हुई गाड़ी धीरे-धीरे आगे बढ़ रही … Read more

मुझे माफ कर देना – पूनम अरोड़ा

New Project 87

गाँव  के मंदिर  के पास वाले बरगद के पेड़ के नीचे आकर एक भगवावस्त्र धारी बाबा और साथ में  लाल बार्डर वाली सफेद साड़ी में  शायद  उनकी अर्धागिनी  थी , ने आ के डेरा जमा लिया था । साथ में  महिला है यह सोचकर वहाँ  के मंदिर के संस्थापक ने उन्हें  मंदिर के अहाते में  … Read more

अब हुआ ना हिसाब बराबर – सविता गोयल

New Project 86

” अरे बोला ना साॅरी ….. अब क्यों बेफालतू में बात को बढ़ा रही हो ?? चलो…. अपना हुलिया थोड़ा ठीक करो और बाहर चलो। सब वेट कर रहे हैं । ,,   थोड़ी देर पहले ही अजय ने सबके सामने रूपाली को  थप्पड़ मारा था । कारण ये था कि आज अजय और रूपाली की … Read more

कोई बुरा पैदा नहीं होता –  रोनिता कुंडू

New Project 84

बहु..! मेरे कमरे के मेज पर 4 साड़ियां रखी हुई है… ज़रा वह ले आना.. कमला जी ने अपनी बहू प्रीति को आवाज लगाई… प्रीति के साड़ी लाने के बाद… कमला जी: यह ले मीना…! यह साड़ियां तेरे लिए ही निकाल कर रखी थी कब से… मीना खुश होकर: शुक्रिया दीदी..! बस तुम लोगन का … Read more

जिम्मेदारी – ज्योति अप्रतिम

आज माँ घोंसला छोड़ कर सदा के लिए उड़ गई। आँसू रुक नहीं रहे थे और जिंदगी भर का चलचित्र दिलो दिमाग में घूम रहा था। छह बच्चे ! दो वर्ष से चौदह वर्ष तक के । और घर ! घर के नाम पर एक कम चौड़ा लेकिन लम्बा सा कच्चा कमरा जिसे हर थोड़े … Read more

बेटियां बोझ नहीं होती – माता प्रसाद दुबे

New Project 80

गायत्री देवी खुशी से झूम रही थी।अपने पोते के जन्म लेने का समाचार सुनकर,उसकी दिली ख्वाहिश दशकों बाद पूरी हुई थी।उसकी छोटी बहू रचना ने बेटे को जन्म देकर  दुनिया की सारी खुशियां उसकी झोली में डाल दिया था।उसकी बड़ी बहू आरती जिसने उसे सिर्फ निराश किया था।दो बेटियों को जन्म देकर,वह बेटा न पैदा … Read more

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