होनी अनहोनी  –  गीता वाधवानी

New Project 44

घर में खुशी का माहौल था। राजू के बड़े भाई सुधीर का विवाह था। घर में खूब रौनक थी। घर मेहमानों से भरा हुआ था और रंगीन बत्तियों से भरपूर सजा हुआ था। कोई मेहमान पकौड़े खा रहा था, कोई चाय पी रहा था। कोई मजाक मस्ती में लगा हुआ था। सभी खाली होते हुए … Read more

माफी की गुहार – स्नेह ज्योति

New Project 43

यें दोस्ती हम नही तोड़ेंगे ,तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेगे……इस गाने को पढ़ समझ ही गए होंगे कि ये एक दोस्ती की कहानी है जो आज के दौर में लिप्त होती जा रही है । रॉकी और बॉबी बचपन के लंगोटिया यार थे । दोनो के घर एक दूसरे से सटे हुए थे … Read more

पत्थर –  मुकुन्द लाल

New Project 42

 एक गांव में दो सहोदर भाई रहते थे। बड़े भाई का नाम रामसेवक और छोटे का नाम जगदीश था। दोनों भाई अपने-अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रहे थे।    वर्षों से वे दोनों अपने-अपने हिस्से के पुश्तैनी जमीन में खेती करते आ रहे थे। खेत अधिक नहीं था पर छोटा परिवार होने के … Read more

दोस्ती पक्की वाली – गीता वाधवानी

New Project 41

दो पक्के दोस्त किशन और कन्हैया। इतनी पक्की वाली दोस्ती कि दोनों  को एक दूसरे को देखे बिना चैन ही नहीं पड़ता था। रोज सुबह सैर करते समय दोनों ढेरों बातें करते और फिर रात को एक बार जरूर मिलते। दोनों के घरों में कुछ दूरी थी।  एक सुबह सैर करने के बाद जब दोनों … Read more

खून के आँसू   – अविनाश स आठल्ये

सुनो न संजू,  हम अपने ड्राइंग 2 टन का AC लगवा लें क्या? इस बार हमारे घर में “किटी पार्टी” हो रही हैं लेडीज़ की, यह कूलर बिल्कुल चीप टाइप लगता है.. तुम्हें नहीं पता है अनुष्का, तुम से शादी करके तो मैं रोज खून के आँसू रोता हूँ… कहकर उसका पति संजू उर्फ़ संजय … Read more

माफी (कहानी) – डाॅ संजु झा

New Project 40

अनिता मूँदीं आँखों से अस्पताल के बिस्तर पर लेटी-लेटी अपनी जिन्दगी का लेखा-जोखा लगा रही थी।उसकी आँखों के कोर से आँसू बह रहे थे।उसी समय हरी मखमली घास -सी  डाॅक्टर  बेटी नीरा की शीतल छुअन उसके तन-मन को शीतल कर गई। पश्चाताप उसकी आँखों से आँसू बनकर बह रहा था।उन आँसुओं ने उसे बेटी नीरा … Read more

मुहावरा – विभा गुप्ता

अध्यापिका होने के नाते मुझे सैकड़ों विद्यार्थियों की उत्तर- पुस्तिका जाॅंचने का अवसर प्राप्त हुआ था।कुछ उत्तरों को पढ़कर हॅंसी आती थी तो किसी विद्यार्थी के कम अंक आने पर मन उदास भी हो जाता था।समय के साथ फिर वे धुंधली भी पड़ जाती थीं लेकिन एक उत्तर ने मेरे मन को झंझोर दिया था। … Read more

खून के आँसू रुलाना – के कामेश्वरी

सुरेश चंद्र जी की मृत्यु की खबर पूरे फ़्लैट में आग की तरह फैल गई थी । सब की जुबान पर एक ही बात थी कि कितने अच्छे इन्सान थे । वे रोज़ मंदिर जाते थे । अपने जन्मदिन पर मंदिर के पुजारियों को कपड़े बाँटते थे और तो और ज़रूरतमंदों की सहायता करते थे,तभी … Read more

बस अब और खून के आंसू नहीं रुलायेगा तू बहू को  – मीनाक्षी सिंह

अंदर से जोर जोर से बहू के रोने की आवाज आ रही थी ,खिड़की से झांककर देखा रमेशजी (ससुर ) और मधुजी (सास ) ने तो गिड़गिड़ाने लगे -छोड़ दे बहू को नीरज (बेटा ) ! मर जायेगी वो और कितना मारेगा उसे बेल्ट से ! मधुजी सिस्कियां भरती हुई बोली ! माँ जी ,पापा … Read more

आज कुछ एक्सपेरिमेंटल करती हूं। – मुक्ता सक्सेना

New Project 38

मां, आगे से आप हमसे तो कोई उम्मीद मत रखिएगा। आपने क्या सोच कर हमे पैदा किया था? क्या हमारा कोई अपना भविष्य, पत्नी बच्चे, चाहतें नही है। आपके पास ये अपना घर है। हमे कुछ नही चाहिए। लेकिन हम जीवन भर का बोझ नहीं उठा सकते। क्या इसी दिन के लिए हम लोग पढ़े … Read more

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