कोई काम छोटा बड़ा नहीं होता ठाकुर साहब – मीनाक्षी सिंह

निकम्मा घर में ही पड़ा रहता हैँ ,शादी भी हो गयी ,अब भी कोई ज़िम्मेदारी का एहसास नहीं ! मैं क्या तेरा पूरा जीवन खर्च उठाऊँगा ! नालायक कहीं का ,बहू के ज़रूरी सामानों के लिए भी पैसा मुझसे ही मांगता हैँ ! बिल्कुल शर्म हया नहीं हैँ इसकी आँखों में ! देखों अभी भी … Read more

आत्मग्लानि – पूनम अरोड़ा

संजय नर्सिंग  होम के संचालक और (हैड ऑफ द डिपार्टमेन्ट ऑफ सर्जरी) डाक्टर संजय ने मैनेजमेंट टीम को  सख्त हिदायत दे रखी थी कि चाहे कोई  कितना भी सीरियस केस आए , कोई  कितना भी अनुनय करे बिना फीस जमा कराए किसी का इलाज शुरू मत करना।  कई लोग ऐसे ही अपनी गरीबी का रोना … Read more

खौफ़ – मधु झा

शालिनी आफ़िस से आकर सीधे बेडरूम में जाकर लेट गयी और झुमरी मासी से काॅफी लाने को कहा। काॅफी का नाम सुनते ही झुमरी समझ गयी कि आज फ़िर से शालिनी बहुत स्ट्रेस में है,, वरना बाक़ी दिन वो आफ़िस से आने पर फ्रेश होकर ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठकर चाय पीती है,, उसके … Read more

 एक बेटी ऐसी भी – मधु झा

रामेश्वर जी और उनकी पत्नी मनोरमा जी पैकिंग करने में व्यस्त हैं,,।  “क्या कहीं घूमने जा रहे या फ़िर अपनी बेटी के यहाँ जा रहे,,?” “अजी नहीं,,ये दूसरे घर में शिफ़्ट हो रहे।  अरे वाह,  क्या इन्होंने दूसरा मकान भी ले लिया है,,? एक बड़े से मकान में तो पहले से ही रह रहे थे … Read more

आवाज उठानी जरूरी है – संगीता अग्रवाल

” जाहिल औरत ये क्या किया तूने गँवार है गँवार ही रहियो तू !” शारदा जी पूजा कर रही थी कि उन्हे बेटे कार्तिक के ये शब्द सुनाई दिये जो वो अपनी पत्नी सांची को बोल रहा था। ” माफ़ कीजियेगा वो मुन्ने का हाथ लग गया इसलिए पानी गिर गया थोड़ा !” सहमी आवाज़ … Read more

माफी तो मैं भगवान से भी नहीं मांगती। – Short Hindi Inspirational Story

मुझे शिक्षक प्रशिक्षण के तहत विद्यालय में जाकर पाठ्य योजना के अन्तर्गत कक्षाओं में जाकर पढ़ाना था। लेसन प्लान बना कर मैं एक विद्यालय गई।  एक कक्षा को पढ़ाने के बाद मैंने टाइम देखा तो दस पन्द्रह मिनट ऊपर हो गये थे। पर अभी तक दूसरे पीरियड की घंटी नहीं बजी थी, दूसरे पीरियड में … Read more

नियति – रंजना वैद्य

आखिर वो अपना इतना शानदार घर छोड़ कर इस ओल्ड एज होम में आ ही गया। उसके दिन आंसुओं से भर गये थे।पिछली दर्दनाक जिन्दगी भूलना इतना आसान तो न था। हर पल कुछ न कुछ कष्टप्रद बातें उसके दिलो दिमाग में तैरती ही रहतीं ।उसका पूरा वजूद छलनी हो कर रह गया था। वो … Read more

संतान – रश्मि सिंह

दीप्ति-दीदी मुझे यहाँ से ले जाओ, रोज़ रोज़ ताने सुन सुनकर मैं थक गई हूँ, मेरी कोख नहीं ठहरती तो इसमें मेरी क्या गलती। यहाँ सब सौरभ (दीप्ति का पति) की दूसरी शादी का सोच रहे है दीदी मुझे इसमें भी दिक़्क़त नहीं है पर सौरभ मुझसे तलाक़ ना ले। शैली (दीप्ति की दीदी)-तुम पागल … Read more

औरतें हैं या CCTV कैमरा..? – रोनिता कुंडू 

देखिए..! आपकी मां क्या कह रही है..? मैं हमेशा उनसे लड़ने के बहाने ढूंढती हूं…! शिप्रा ने अपने पति राहुल से कहा… राहुल:   तुम दोनों अपनी लड़ाई में मुझे मत शामिल करो… आज मेरी छुट्टी का दिन है… उसे मैं तुम दोनों की लड़ाई में बर्बाद नहीं करने वाला…. आशा जी:   वाह बेटा…! … Read more

दो अजनबी – विजया डालमिया

गली का संकरा मोड़ जिस पर अनायासा  ही सामने से आती गाय से घबराकर मैं भी भागी और घबराहट में किसी से टकरा गई ।मेरी पसीने से भरी तेज साँसें  उसकी परफ्यूम की खुशबू में घुल मिल गयी ।तुरंत ही खुद को संभाला और अलग होना चाहा। पर मेरे गले की चेन उसके बटन में … Read more

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