जब मैंने कोई गलती नहीं की है तो क्यों बर्दाश्त करूंँ – मुकुन्द लाल : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : ‘अश्वजीत और तिलक एक ही विभाग के दफ्तर में काम करते थे। दोनों के परिवारों के सदस्यों का एक-दूसरे के घरों में आना-जाना लगा ही रहता था।     तिलक की पत्नी शुभाश्री अश्वजीत की पत्नी स्तुति से अधिक खूबसूरत थी। दोनों की शादी हुए भी अधिक समय नहीं हुए थे। अश्वजीत … Read more

‘मैं सिर्फ आपकी पत्नी नहीं किसी की बेटी भी हूंँ’-मुकुन्द लाल : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi : उस शहर के भुपेन्द्र बाबू प्रतिष्ठित व्यवसायी थे। उनका कारोबार कई क्षेत्रों में फैला हुआ था। कई घरेलू और उपयोगी सामानों के थोक विक्रेता तो थे ही इसके अलावा उनकी एक फैक्ट्री भी थी जिसमें दर्जनों लोग काम करके अपना जीवन-यापन करते थे।   उनकी इकलौती पुत्री शिल्पा सूरत और सीरत … Read more

आप टेंशन मत लीजिए वैसे भी मुझे आदत हो गई है इस सबकी। : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi :   मानसी के पति की मृत्यु बहुत पहले ही एक दुर्घटना में हो गई थी, जब उसके तीनों बच्चे एकांशी, पायल और देवांश छोटे थे। एकांशी तीनों में सबसे बड़ी थी।  उसके पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे।   ऐसे दुखद मौकों पर कंपनी से अनुकम्पा के रूप में मिलने … Read more

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