आग में घी डालना – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi
उस रात योगेश अपने डेरे में बेचैनी से चहलकदमी कर रहा था। रह-रहकर घड़ी में समय भी देख रहा था। उसके चेहरे पर क्रोध की लकीरें भी उभर आई थी। रात के दस बजे चुके थे, किन्तु उसकी पत्नी रागिनी ड्यूटी पर से डेरा लौट कर नहीं आई थी, जबकि उसने कहा था कि वह … Read more