नाराज़गी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो चाचा , कैसे हो आप, हां ठीक है ।और कैसे याद किया भाई चाचा को ।आज तीन साल बाद भतीजे अनुज का फोन आया तो उमेश जी थोड़े हैरान हुए और मन भी भर आया क्यों कि चाचा भतीजे में आपस में बहुत पटती थी। चाचा भतीजे के बीच नाराजगी चल रही थी तीन … Read more

कैसा हक़ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हक़,किस हक़ की बात कर रही हो तुम , हक़ पाने के लिए हक़ जताना भी पड़ता है, हक़ के साथ साथ कुछ जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती है तब जाकर मिलता है । ऐसे हक़ हक़ चिल्लाने से नहीं मिलता हक़ आलोक जी बोले।जाओ तुम यहां से जिससे शादी की है उस पर हक़ जताओ … Read more

नृत्यमं – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

नृत्यमं ,यही नाम था इशिता के नृत्य क्लास का ।जिसका बड़ा सा ग्लोसाइन बोंड लगवाते हुए इशिता फूली नहीं समा रही थी।आज बरसों का सपना जो पूरा हो रहा था उसका।वो अपने सासू मां को धन्यवाद दे रही थी जिनकी बदौलत आज उसका सपना पूरा हो रहा था।कई घंटों के मेहनत से इशिता का का … Read more

बेटे का प्यार – मंजू ओमर   : Moral Stories in Hindi

मम्मी मैंने नया फ्लैट ले लिया है पुनीत ने मम्मी को फोन किया । बहुत अच्छा किया बेटा अपना घर होना जीवन में तो बहुत जरूरी है ‌‌ बहुत बढ़िया, बहुत बढ़िया ।अब आप और पापा को हमारे और स्वाति के साथ ही रहना है। बहुत रह लिए अकेले अकेले । हां, हां बेटे क्यों … Read more

अपना घर ही स्वर्ग है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बहुत दिन हो गए अमृता से बात नहीं हुई नीलिमा ने अमृता को फोन लगाया हेलो अमृता कैसी है तू।सब सेट हो गया वहां पर और सब ठीक है । अरे नहीं नीलिमा अपने घर में हूं दीदी के यहां नहीं हूं , क्यों क्या हुआ । कुछ नहीं अब मिलती हूं तो बात करती … Read more

क्यों अशांति फैलाते हो – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्यों अशांति फैलाएं हुए हैं तुम लोग इस घर में कितनी शांति से जीवन बीत रहा था हम दोनों का जबसे तुमलोग आए हो रोज कुछ न कुछ बबाल मचा रहता है। मोहिनी जी आज बहू मुक्ता और बेटे अमित पर चिल्ला पड़ी।                 घर में मोहिनी जी और उनके पति राघवेन्द्र जी का हंसी खुशी … Read more

सास बिना कैसा ससुराल – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज शिखा को किटी पार्टी में जाना है ।वो अपने तीन साल के बेटे को तैयार कर रही है साथ ले जाने को । तैयार करते करते बार बार झुंझला जा रही है देर हो रही है घर में कोई है भी तो नहीं कि मोनू को उसके पास छोड़ दूं । फिर भी जब … Read more

कंलक लग जाता – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

राजन खोसला को स्टेज़ पर देख कर दीक्षा कहीं खो सी गई थी।वो अपने जीवन के 10 साल पहले के बीते समय में खो गई थी। तभी कानों में उसके आवाज आई दीक्षा भार्गव प्लीज़ स्टेज पर आएं । आपने ,(छोटी बच्चियों पर गलत निगाह रखने वाले पर क्या कार्रवाई हो )इस विषय पर प्रतियोगिता … Read more

मतभेद – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नमिता घर के कामों में मशगूल थी तभी डोर वेल बजी । नमिता ने दरवाजा खोला तो देखा सामने कोरियर वाला था। उसने एक  लिफाफा पकड़ाया नमिता को और चला गया । नमिता ने जब अंदर आकर लिफाफा खोला तो देखा दूसरे भतीजे की शादी का निमंत्रण कार्ड था ।र्काड देखकर नमिता थोड़ी असमंजस में … Read more

मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो बेटा प्रतिमा निपट गई जेठानी के लड़के की शादी से फ्री हो तो  बात करूं , हां मम्मी निपट गई। इतनी उदास सी क्यूं है निपटाया तो सब तूने ही होगा तेरी जेठानी तो कुछ कर नहीं पाती शरीर बेकार कर रखा है लेकिन ठसक अभी भी बहुत है । हां मम्मी सही कह … Read more

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