बच्चों का दायित्व – मंजू ओमर: Moral stories in hindi

दरवाजे की बेल बजी तो रागिनी ने उठकर दरवाजा खोला तो सामने उपासना खड़ी थी ,उसको अचानक देखकर रागिनी ने पूछा अरे उपासना तुम ,तुम कब आई इलाहाबाद से उपासना कुछ न बोलकर रागिनी के गले लगकर रोने लगी ।अरे उपासना क्या हो गया क्यों रो रही हो आओ अंदर बैठो फिर बात करते हैं … Read more

मेरे साथ जो हुआ तुम्हारे साथ नहीं होगा – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

घर में आज अंजना की बेटी की शादी थी ।बारात आने वाली थी सभी लोग बारात की आगवानी में दरवाजे पर खड़े थे । तभी बारात आ गई पंडित जी बोले दूल्हे की मां आए और दूल्हे की आरती उतारें । अंजना अपनी बहू सीमा को आवाज देने लगी अरे सीमा आरती की थाल ले … Read more

तलाक़ – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

जब कोर्ट में जैसे ही बहू और बेटे की तलाक़ की पुष्टि हुई रेणुका चकरा कर गिरने लगी तभी बेटे ने संभाल लिया।तलाक के साथ ही 20 लाख का एमांउट भी देना था । रेणुका ने कभी सोचा भी न था आज वो हो गया । कितना गिन गिन कर पैर रखा था उसने फिर … Read more

अहमियत – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

अनुपमा आज एकदम से बिफर पड़ी पति और बेटे पर आखिर तुम लोगों ने मुझे समझ क्या रखा है घर की फुल टाइम नौकरानी हूं ,सबकी जरूरतों का ख्याल रखने वाली आया ,या बस घर में सबको सब चीजें समय से उपलब्ध कराने वाली एक नौकर । उसके मन में जो आ रहा था बस … Read more

सब किस्मत का खेल है – मंजू ओमर  :Moral stories in hindi

सुबह से आज मौसम सुहाना था।घर के सारे काम निपटा कर मैं मौसम का लुत्फ उठाने को घर से बाहर निकल पड़ी। टहलते टहलते समीप के एक पार्क में जाकर बैठ गई। ठंडी ठंडी हवा के झोंके मन को सुकून दे रहे थे।इतने में एक दो ढाई साल का बच्चा भागते भागते मेरे पैरों के … Read more

राधिका, ये घर मेरा भी है – मंजू ओमर: Moral stories in hindi

राधिका आज बेमन से बिस्तर पर पड़ी थी उठने की इच्छा ही नहीं हो रही थी । चाय की तलब तो लग रही थी लेकिन बनाने की इच्छा नहीं हो रही थी। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। राधिका घर में अकेले थी इसलिए उसे ही उठना पड़ा दरवाजा खोलने के लिए ।जब दरवाजा खोला तो … Read more

भाग्य विधाता – मंजू ओमर: Moral Stories in hindi

बेटी हुई है ,नर्स ने जब लेबर रूम से बाहर आकर निर्मला जी को खबर दी तो उनकी आंखों से आंसू टपक पड़े ।पति अनिल से शिमला जी बोली कैसा खेल रचा है भाग्य विधाता ने दुनिया में आने से पहले बेटी के पापा ही दुनिया से चले गए। अनिल जी ने निर्मला को धीरज … Read more

कृष्णा दीदी, एक मुसीबत – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ओफ्फ ओ आज कृष्णा दीदी फिर आ गई क्या मुसीबत है अर्चना बड़बड़ाती हुई अंदर चली गई ।इतने में नीरज की आवाज आई अर्चना जरा चाय बनाना दीदी आई है ।                    चार भाई और तीन बहनों में कृष्णा दीदी दूसरे नंबर की बहन थी और नीरज सब भाई बहनों में … Read more

किस ज़माने की बात कर रही हो – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राम राम सारा धर्म भ्रष्ट कर दिया क्यों री बहू तूझे क्या यही मिली थी खाना बनाने कोई उच्च कुलीन वर्ग की नहीं मिली कोई चाहे जिस को भी रसोई में घुसा लेती है मैं तो इसके हाथ का पानी भी नहीं पियूंगी अमिता की सांस ने अमिता से कहा … Read more

वक्त हर घाव को भर देता है- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : वक्त हर घाव को भर देता है सुषमा आज मोहल्ले में एक पूजा में शामिल होने के लिए गई थी । जिनके घर पूजा थी वो आंटी ने बहुत मनुहार किया था सुषमा से निकलो बेटा थोड़ा घर से आया जाया करो सबसे मिला जुला करो मन हल्का हो जाएगा। … Read more

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