सुख-दुख है हमारे साथी – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

रितेश जी आपकी मम्मी का ब्रेन डेड हो गया है और बस वेंटिलेटर के सहारे से चल रही है , जैसे ही वेंटिलेटर हटाएंगे सब खत्म हो जाएगा अब कुछ नहीं बचा है इनके शरीर में आप घर ले जाइए डाक्टर बोला। सुनकर रितेश और प्रीतेश दोनों भाइयों को धक्का सा लगा ।प्रितेश बोला भइया … Read more

ससुराल में अपनी जगह बनानी पड़ती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज अवनि क्षितिज से झगड़ा करके मायके में आकर बैठ गई थी। क्षितिज बार बार फोन कर रहा था पर अवनि फोन नहीं उठा रही थी। शादी के समय बहुत सीधी साधी सी दिखने वाली अवनि शादी के बाद बात बात में तुनक जाती थी और मुंह फुलाकर बैठ जाती थी।और नहीं तो लोकल मायका … Read more

अपना घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

 आज मोहन जी जब सुबह सोकर उठे तो अपने आप को बहुत तरोताजा महसूस कर रहे थे। उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर घर के बाहर टपरे पर चाय पीने निकल गए ।चाय का कप हाथ में लेकर चाय पीते पीते चाय वाले से बात भी करने लगे ।अरे राजू तू कब से दुकान पर … Read more

चिकना घड़ा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाभी जी मुझे खाना बनाना है ,तो बनाओ ना मैं बैठी हूं जो बनाओगी मैं भी खा लूंगी।प्रिया परेशान हो गई थी चम्पा भाभी से ।वो वक्त बेवक्त प्रिया के घर आकर बैठ जाती थी और फिर जाने का नाम नहीं लेती थी ।दो चार दिन की बात हो तो ठीक है लेकिन ये तो … Read more

आत्म सम्मान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी कल मैं वापस जा रहा हूं आप भी अपना समान पैक कर लें हमारे साथ चले यहां अकेले कैसे रहेंगी नमिता का बेटा आकाश बोला । नहीं आकाश में तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी , लेकिन मां तुम यहां कैसे रहोगी अकेले ।रह लूंगी बेटा मैं अकेले अभी तक तो तुम्हारे पापा थे लेकिन मैं … Read more

रिश्ते तो विपत्ति में सहारा बनते हैं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाई ये तुमने ठीक नहीं किया हमने तो तुम पर भरोसा किया था,हर सुख-दुख में तुम्हारा साथ दिया था ।तुम बड़े भाई थे तुम्हारे हर बात पर विश्वास किया, तुम्हें पिता समान समझा और तुम्ही ने मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया। अरे कुछ ऊपर वाले से भी तो डरो।भाई भाई का रिश्ता तो भगवान … Read more

तौबा तौबा करना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दादी मम्मी ने पांच हजार रुपए मंगाए हैं उनकी तबीयत ठीक नहीं है अस्पताल में भर्ती हैं । लेकिन तुम्हारी मम्मी के ऊपर तो पहले से ही काफी उधार है कोमल सुषमा बोली ।वो मम्मी काम करके उसी में कटवा देंगी पैसे।पर इतने पैसे कैसे कटेंगे।वो दादी अभी दे दीजिए मम्मी जब काम पर आएंगी … Read more

मां का घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

एक बेटी के लिए बाबुल का घर छोडना आसान नहीं होता।मायका चाहे जैसा हो अमीर गरीब लेकिन वहां की स्मृतियां एक बेटी के लिए अकल्पनीय होती है ।वह उम्र भर वहां की स्मृतियां संजोए रहती है । उसको कभी भूल नहीं पाती है । ससुराल में आकर तमाम जिम्मेदारियों में फंसकर भी बाबुल की यादें … Read more

बहन भाई का प्यार – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बेबस और लाचार से पड़े भाई को देखकर करूणा के आंख से झर झर आंसू बह रहे थे ।वो भाई का हाथ पकड़ कर वहीं बैठ गई और रोए जा रही थी। रोते-रोते ही हालचाल पूंछ रही थी इतने में भाभी चाय नाश्ता लेकर आ गई। भाभी बोली करूणा अब आज त्योहार के दिन मत … Read more

ऐसी कैसी औलाद  – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज पार्क में घूमने में बड़ा आनन्द आ रहा था मौसम बड़ा सुहाना था । कुछ देर मौसम का आनन्द उठाने के बाद पार्क से घर जाने को बाहर निकलीं तो रोड पर मिसेज शर्मा मिल गई जो हमारी पड़ोसी भी है और हम दोनों हम उम्र भी है ।30 सालों से हमलोग एक मोहल्ले … Read more

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