जिठानी का गुरूर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

लो ऐ साड़ी तुम रख लो शालू, तुम्हारे ऊपर बहुत अच्छी लगेगी पूरे सात हजार की है ।तुम तो इतनी महंगी साड़ी खरीद नहीं पाओगी कभी शालू की जेठानी ने शालू से कहा । शालू बार बार मना कर रही थी नहीं भाभी मैं नहीं लूंगी ये साडी ।अरे सिर्फ दो ही बार पहनी है … Read more

रिश्तों की डोर यूं न तोड़ो – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

संगीता कई दिनों से यूं उदास बैठी थी ,कारण संगीता के बड़े भाई की तबियत कुछ ज्यादा ही खराब थी ।आई,सी यू में भर्ती हैं की दिनों से ।वो भाई से मिलने जाना तो चाहती है लेकिन संगीता के पति पंकज बिल्कुल भी तैयार नहीं है जाने को।और अकेले भी नहीं रहेंगे क्योंकि उनको स्वास्थ्य … Read more

दोष किसका – मंजू ओमर Moral Stories in Hindi

मम्मी तुम आज मेरी लाई हुई साड़ी ही पहनोगी तभी मैं अपनी इंगेजमेंट करूंगी नहीं तो मैं नमन को मना कर दे रही हूं प्रोग्राम कैंसिल कर देती हूं , एकता बोली अपनी मम्मी सिया से ।सिया बोली क्यों बेटा जिद कर रही हो अब इस उम्र में मैं और इस स्थिति में ऐसे कलर … Read more

और कितना गुस्सा अंदर रखूं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अस्पताल में बेड पर पड़े आंनद जी को जब डाक्टर देखने आए तो आंनद जी ने डाक्टर से पूछा और डाक्टर साहब कबसे चलने लगेंगे । डाक्टर ने कहा बस आज आपरेशन का दूसरा दिन है कल से नर्स आपको पकड़कर चलाएगी ।खड़ा तो हम लोग 24 घंटे के बाद ही कर देते हैं लेकिन … Read more

क्या यही होता है बुढ़ापा – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

मांजी , मम्मी जी लो खाना खा लो सुमित्रा जी के सामने खाने की थाली रखते हुए ममता बोली। ममता सुमित्रा जी के घर पर आठ साल से बर्तन धोने का काम करती है ‌। सुमित्रा जी ने जैसे ही रोटी का निवाला तोड़ा आंख से आंसू आ गए ।ये क्या मांजी तुम रोओ नहीं … Read more

गुस्सा एक दिन सब बर्बाद कर देगा- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सलोनी ने अपनी सास शालिनी जी को फोन किया । सुबह सुबह सलोनी का फोन देखकर शालिनी थोड़ा चौंक गई क्योंकि सुबह तो सलोनी को समय होता नहीं है हमेशा शाम को ही बात होती है और वो भी शनिवार और रविवार को ही । फिर भी सलोनी का फोन उठाया शालिनी ने तो … Read more

कैसा हमसफ़र-मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

जैसे ही रीना अपने बड़ी बहन बीना के घर पहुंची (अमर ) रीना के जीजा जी रीना को पकड़कर जोर जोर से रोने लगे ।देखो रीना तुम्हारी दीदी हमें अकेला छोड़कर चली गई। हमसफ़र बनकर आई थी मेरे सफर में , सफर में मुझे अकेला छोड़ गई । गमगीन माहौल था इस तरह से जीजा … Read more

चौकीदार सीताराम- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाई साहब , भाई साहब बड़े भाई साहब हमारो गला कांट रहे हैं और फिर सीताराम ने भाई साहब के पांव पकड़ लिए ।                     नरेश और सुरेश दो भाई साथ में ही बिजनेस करते थे।उनकी एक फैक्ट्री थी । जिसमें सीताराम चौकीदार का काम करता था और काम धंधे से मतलब का जरूरी सामान भी … Read more

ढोलक बजाने वाला- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अबे हेमन्त तू यहां मंदिर में और कबसे तू ढोलक बजाने लगा वे अभय और उसके दो दोस्तों ने हेमंत को मंदिर में ढोलक बजाते हुए देखकर बोले । सामने अभय को देखकर हेमन्त सकपका गया।                     अभय और हेमंत साथ में पढ़ते थे । सब उसको जमादार, जमादार कहकर चिढ़ाते थे क्योंकि उसके पिता जी … Read more

दिल का रिश्ता तो किसी से भी जुड़ सकता है – : Moral Stories in Hindi

भाभी कल मुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं अच्छा संजना चहक उठी ।ये तो बड़ी अच्छी बात है,ये बता तूने कुछ तैयारी वैयारी की है कि नहीं कैसी तैयारी भाभी अर्चना बोली ।अरे थोड़ा पार्लर वारलर चली जा शक्ल सूरत ठीक करा लें ,और हां क्या पहन रही है । मम्मी कह रही है … Read more

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