भाभी कैसे बर्दाश्त करती हो ये सब – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मुफ्त की रोटियां खाने सब आ जाते हैं तेरे मायके से क्या धर्मशाला खुला है क्या यहां ‌।जब देखो तब कोई न कोई आया ही रहता है तेरे घर से शकुन्तला देवी अपनी बहू साधना पर चिल्ला रही थी।घर के ऊपर के हिस्से में शकुन्तला जी की देवरानी रहती है उनकी बेटी नयना सब सुन … Read more

मन से मन का रिश्ता – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सुबह सुबह ही खबर लगी कि पुष्पा भाभी जी नहीं रहीं । नाश्ता बनाने जा रही थी तो सबकुछ छोड़कर बैठ गई । आंखें भर आईं बहुत पुराना रिश्ता था उनसे । नहीं नहीं खून  का नहीं,अपनों का नहीं , रिश्तेदारी का नहीं ,मन से मन का रिश्ता ।और शायद इससे बड़ा कोई रिश्ता … Read more

आवाज उठाना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सिया के ऊपर दीपक ने जैसे ही हाथ उठाया सिया ने दीपक का हाथ कसकर पकड़ लिया और जोर से झटक दिया, अचानक इस झटके से दीपक वहीं जमीन में गिरते गिरते बचा।वो बड़े आश्चर्य से फटी आंखों से सिया को देख रहा था और सोचने लगा इतनी हिम्मत कहां से आ गई आज … Read more

भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

80 साल के लक्ष्मी नारायण जी और 75 साल की उमा जी जगह जगह किराए का मकान ढूंढते फिर रहे हैं । तभी रास्ते में अचानक से उनके पुराने मित्र गोपाल दास जी मिल जाते हैं ।अरे लक्ष्मी कहां घूम रहा है , अरे कुछ नहीं बस एक किराए का मकान ढूंढ रहा हूं । … Read more

मां बाप की दुआओं में बड़ी शक्ति होती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कौन सा महीना चल रहा है बेटा ,जी आंटी छठा महीना चल रहा है। मम्मी से मिलने आई थी हां, ठीक है आती रहा करो बेटा तो मम्मी जल्दी ठीक हो जाएगी दूसरी जिंदगी मिली है बिचारी तुम्हारी मम्मी को । हां आंटी आती रहूंगी।नये मेहमान को इस दुनिया में लाने में बहुत देर कर … Read more

भाग्यहीन – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मौसी ,ताई, बुआ सबने आरती उतार दी नई बहू की ,और अब दादी पोते आयुष से कह रही थी बेटा आयुष बहू को लेकर अंदर आओ। नहीं दादी सबने तो आरती उतार दी लेकिन मम्मी ने नहीं उतारी वो दिखाई नहीं दे रही है कहां है मम्मी,बुलाओ उनको तभी मैं अंदर आऊंगा। बेटा जिद न … Read more

बुजुर्ग है माता पिता – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या भाभी जी विनोद भाई साहब की इतनी तबियत खराब है आप अकेले परेशान हो रही है आशीष नहीं आया, नहीं आया शालिनी भाभी ने आंखों में आंसू भरकर  कहा  बेटा तो तभी तक सगा था जबतक उसे पैसा चाहिए था अब उसका काम पूरा हो गया तो अब हमलोगों से मतलब नहीं रखता शालिनी … Read more

बहुरानी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

पूजा इधर आओ बेटा काम छोड़ दो सब बाद में हो जाएगा । मेरे पास ज्यादा समय नहीं है, ऐसा न कहें मम्मी आपके बिना तो ये घर , घर नहीं है और आपके बिना मेरा भी कोई वजूद नहीं है इस घर में ।                   श्यामा बिस्तर पर लेटी हुई थी बीमार चल रही थी … Read more

इतना गुमान ठीक नहीं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कहते हैं न कि जीवन में सब दिन किसी का घमंड रहता नहीं है ‌‌ कभी न कभी टूटता ज़रूर है और जिसको सबसे ज्यादा बेइज्जत किया है उसी के सामने टूटता है ।                       ऐसे ही रमा गुमान में हर वक्त रहती थी घमंड से चूर। अपने आगे किसी को कुछ समझती ही न थी। … Read more

छोटी छोटी बातें ही बड़ा रूप ले लेती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या भाभी आप तो बिल्कुल बहू से दबकर रह गई हो , इतना भी क्या डरना बहू से कौन वो आपका कुछ करती है इस बुढ़ापे में बहू को आपकी मदद करनी चाहिए तो वो तो नहीं उल्टा आप और भाईसाहब ही उसकी मदद करती रहती है । क्या करूं मधु मैं नहीं चाहती एक … Read more

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