बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दो साल की छोटी सी मोनू का उंगली पकड़े सोनल चली जा रही थी विचारों में गुमशुम । क्या है एक बेटी का जीवन क्यों शादी होते ही वो घर पराया हो जाता है जहां वो पैदा हुईं,खेली खाई बचपन बीता , मां बाप के साए में महफूज रही कोई तकलीफ़ नहीं । क्यों इतनी … Read more

क्या रिश्ते ऐसे टूट जाते हैं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो,रिचा, रिचा बेटा सुन रही हो, हां आंटी बोलिए मैं सुन रही हूं । बेटा तुम्हारी मम्मी ग्वालियर में आई ,सी यू में भर्ती हैं ।हालत नाज़ुक है ,ब्रेन हैमरेज हो गया है । बेहोश हो गई थी दो दिन हो गए आज बीच बीच में हल्का सा होश आता है तो वो बेहोशी की … Read more

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसी बात करने की – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी तुमने हमारे साथ बहुत बुरा किया है देखना तुम तुम्हें इसकी ऐसी सजा मिलेगी कि तुम कभी भूल नहीं पाओगी। अखिल के ऐसे शब्द सुनकर तनुजा हतप्रभ रह गई, वो बेटे अखिल की तरफ देखते हुए बोली ये तुम क्या कह रहे हो बेटा, ठीक ही तो कह रहा हूँ, तुमने बहुत बुरा किया … Read more

जिठानी का गुरूर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

लो ऐ साड़ी तुम रख लो शालू, तुम्हारे ऊपर बहुत अच्छी लगेगी पूरे सात हजार की है ।तुम तो इतनी महंगी साड़ी खरीद नहीं पाओगी कभी शालू की जेठानी ने शालू से कहा । शालू बार बार मना कर रही थी नहीं भाभी मैं नहीं लूंगी ये साडी ।अरे सिर्फ दो ही बार पहनी है … Read more

रिश्तों की डोर यूं न तोड़ो – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

संगीता कई दिनों से यूं उदास बैठी थी ,कारण संगीता के बड़े भाई की तबियत कुछ ज्यादा ही खराब थी ।आई,सी यू में भर्ती हैं की दिनों से ।वो भाई से मिलने जाना तो चाहती है लेकिन संगीता के पति पंकज बिल्कुल भी तैयार नहीं है जाने को।और अकेले भी नहीं रहेंगे क्योंकि उनको स्वास्थ्य … Read more

दोष किसका – मंजू ओमर Moral Stories in Hindi

मम्मी तुम आज मेरी लाई हुई साड़ी ही पहनोगी तभी मैं अपनी इंगेजमेंट करूंगी नहीं तो मैं नमन को मना कर दे रही हूं प्रोग्राम कैंसिल कर देती हूं , एकता बोली अपनी मम्मी सिया से ।सिया बोली क्यों बेटा जिद कर रही हो अब इस उम्र में मैं और इस स्थिति में ऐसे कलर … Read more

और कितना गुस्सा अंदर रखूं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अस्पताल में बेड पर पड़े आंनद जी को जब डाक्टर देखने आए तो आंनद जी ने डाक्टर से पूछा और डाक्टर साहब कबसे चलने लगेंगे । डाक्टर ने कहा बस आज आपरेशन का दूसरा दिन है कल से नर्स आपको पकड़कर चलाएगी ।खड़ा तो हम लोग 24 घंटे के बाद ही कर देते हैं लेकिन … Read more

क्या यही होता है बुढ़ापा – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

मांजी , मम्मी जी लो खाना खा लो सुमित्रा जी के सामने खाने की थाली रखते हुए ममता बोली। ममता सुमित्रा जी के घर पर आठ साल से बर्तन धोने का काम करती है ‌। सुमित्रा जी ने जैसे ही रोटी का निवाला तोड़ा आंख से आंसू आ गए ।ये क्या मांजी तुम रोओ नहीं … Read more

गुस्सा एक दिन सब बर्बाद कर देगा- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज सलोनी ने अपनी सास शालिनी जी को फोन किया । सुबह सुबह सलोनी का फोन देखकर शालिनी थोड़ा चौंक गई क्योंकि सुबह तो सलोनी को समय होता नहीं है हमेशा शाम को ही बात होती है और वो भी शनिवार और रविवार को ही । फिर भी सलोनी का फोन उठाया शालिनी ने तो … Read more

कैसा हमसफ़र-मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

जैसे ही रीना अपने बड़ी बहन बीना के घर पहुंची (अमर ) रीना के जीजा जी रीना को पकड़कर जोर जोर से रोने लगे ।देखो रीना तुम्हारी दीदी हमें अकेला छोड़कर चली गई। हमसफ़र बनकर आई थी मेरे सफर में , सफर में मुझे अकेला छोड़ गई । गमगीन माहौल था इस तरह से जीजा … Read more

error: Content is protected !!