कमरे की सीमा रेखा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या मम्मी आपसे कितनी बार कहा है कि कमरे में रहा करों बाहर मत आया करो वही पर आपको सब चीजें खाने पीने कि मिल जाया करेगी फिर भी आप  पता नहीं क्यों सुनती नहीं हो ।बार बार आ जाती है बाहर ।ओ बेटा जरा चाय पीने कि इच्छा हो रही थी,,,। मिल तो जाती … Read more

छोटी छोटी बातों में ढूंढ खुशियां – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ज़ोर से खिलखिला कर हंसते हुए कल्पना को देखकर श्रुति आश्चर्य चकित थी ।वो कुछ लोगों के बीच में बैठी ज़ोर ज़ोर से हंस रही थी ।ये क्या हो गया कल्पना को कुछ ज्यादा ही हंस रही है। कुछ हो तो नहींगया मसलन दिमाग,विमाग खराब,,,,,,। फिर श्रुति ने अपने विचारों को झटका और सोचा चलकर … Read more

रिश्तों की कड़वाहट – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

प्रेम प्यार से बने रिश्ते कभी कभी कड़वाहट की इस हद तक पहुंच जाते हैं कि एक पल भी साथ रहना मुश्किल हो जाता है। सुमेधा और सुमित के रिश्ते में भी आज इस कदर कड़वाहट आ गई है कि सुमेधा तो सुमित की शक्ल भी देखना नहीं चाहती  और न ही बात करना चाहती … Read more

न रहने पर ही इंसान की कीमत समझ में आती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कई दिनों बाद आज सरस्वती से मुलाकात हुई, हालांकि वो रहती हमारे मोहल्ले में ही है लेकिन मैं अपने बेटे के पास पूना गई थी चार महीने बाद लौटी हूं ।मिलते ही गले लगकर रोने लगी (दोस्ताना व्यवहार था मेरा सरस्वती के साथ) बड़ा अकेलापन हो गया है जिंदगी में कोई आगे पीछे नहीं है, … Read more

मेरी किस्मत में तो बस रोना ही लिखा है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अंकिता ने मेंहदी लगाने वाली के सामने जैसे ही अपना हाथ आगे बढाया अंकिता की बुआ सांस जोर से चिल्ला पड़ी अरे , अंकिता तुम कैसे मेंहदी लगवा सकती हो ये तो सुहागिनें लगाती है न और तुम ,,,,,,,,,।अरे भाभी तुम्हारी बहू को जरा भी अकल नहीं है कि मेंहदी तो सुहागिनें लगाती है ये … Read more

घड़ियाली आंसू बहाना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या हुआ शिवम् का ,आज आई आई टी का रिजल्ट आया है न अंकिता की जेठानी माधवी का फोन आया ।वो शिवम् का‌ सलेक्शन नहीं हुआ भाभी अंकिता ने बताया । अच्छा तुम परेशान न हों मैं घर आ रही हूं तुम्हारे जेठानी माधवी बोली अंकिता और माधवी देवरानी जेठानी थी । अंकिता के जेठ … Read more

क्यों न करूं अपनी किस्मत पर नाज़ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कावेरी ने तीसरी बार बेटी को जन्म दिया है। अस्पताल में नर्स ने लेबर रूम से बाहर आकर बताया घर वालों को कि बेटी हुई है लेकिन, लेकिन क्या सिस्टर , बेटी विकलांग है एक हाथ कोहनी के नीचे से नहीं है।उसका एक हाथ आधा है ।सबके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। सभी एक दूसरे … Read more

कहां हूं मैं अभागन – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बड़े घर के बिगड़ैल बेटे से ब्याह दी गई ज्योति।मन में नई नवेली दुल्हन के सपने लिए ससुराल आ गई ज्योति। मायके में सौतेली मां के जुल्म सहते सहते तक गई थी ज्योति चार साल की थी जब मां छोटे भाई के जन्म के समय चल बसी ।दो दिन का छोटा सा छोटू उसकी देखभाल … Read more

बहन की बेटी – मंजू ओमर   : Moral Stories in Hindi

आभा ने आज विभा से कहा आजकल निभा हमसे थोड़ी खींची खिंची रहती है ढंग से बात भी नहीं करती पता नहीं क्या बात है । जबसे यहां आई हूं देख रही हूं दूर दूर है मुझसे। जरा तुम बात करना निभा से क्या बात है क्या बात हो गई है। अच्छा आभा दी मुझे … Read more

रिश्तों के बीच विश्वास की एक पतली रेखा होती है – मंजू ओमर   : Moral Stories in Hindi

बेटा मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि तुम ऐसा कुछ करोगे।इस तरह के संस्कार तो मैंने तूझे नहीं दिए थे बेटा । तुम्हारी हरकतों के बारे में सुनकर तो मैं बहुत शर्मिन्दा हो रही हूं। लता ने अपने बेटे अनुज को फोन करके कहा। क्या सुन लिया मां तुमने मेरे बारे में … Read more

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