आग में घी डालना – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

रमा ने जब से ससुराल में कदम रखा रसोई ही उसका कमरा हो गया था । वह सिर्फ़ रात को ही अपने कमरे में सोने जाती थी वह भी रात के ग्यारह बजे तक पूरे घर का काम ख़त्म करके। सुबह चार बजे से उठकर सासु माँ बैठ जाती थी और उसके कमरे का दरवाज़ा … Read more

वो सुबह कभी तो आएगी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

राघव और रचना जब चालीस पैंतालीस उम्र के पड़ाव पर पहुँचते हैं तो रात के सोते समय भी वे दोनों प्यार भरी बातें नहीं करते हैं ।  राघव ने कहा — रचना गैस बंद किया है न अलार्म लगाया है कि नहीं कल  रवी और सुंदर को जल्दी उठना है ठीक है ।  रचना भी … Read more

जो अपने माँ बाप का दिल दुखाते हैं भगवान उन्हें जरूर सजा देते हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

राजेश्वरी अपने कमरे में पूजा करके आकर बैठी ही थी कि उसे लगा कि उसके सामने से किसी ने कुछ फेंका है देखा तो समाचार पत्र था। यह यहाँ कैसे कुछ सोचने से पहले उसके बड़े. बेटे राजन की तेज आवाज सुनाई दी कि अब आपका पेट भर गया पूरे शहर में मेरी थू थू … Read more

घर की इज़्ज़त – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुप्रिया और स्वाति दोनों एक ही ऑफिस में नौकरी करती थी घर पास होने के कारण साथ में मिलकर ऑफिस जातीं थीं । उनका एक दूसरे के घर आना जाना भी लगा रहता था । सुप्रिया की बेटी मधु और स्वाति की बेटी सविता एक ही कक्षा में पढ़ती थी पर अलग अलग स्कूलों में … Read more

सौतेली माँ की शर्त – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

भावेश जी की पत्नी को गुजरे हुए दो साल हो गए थे । उनके दो लड़के संतोष और सुभाष थे जिनकी देखभाल माँ करती थी । माता-पिता ने कई बार भावेश से कहा था कि दूसरी शादी कर ले । भावेश को डर लगा रहता था कि सौतेली माँ अगर बच्चों को ठीक से नहीं … Read more

बड़ा दिल – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुवर्णा ऑफिस से आते समय अस्पताल में भर्ती हुई अपनी सहेली मीनल को देखने गई थी । सुबह घर से निकलते समय ही उसने प्रदीप को बता दिया था कि वह थोड़ी देर से घर पहुँचेगी क्योंकि उसे मीनल को देखने अस्पताल जाना है । प्रदीप और सुवर्णा में अच्छी तालमेल है दोनों मिलकर बच्चे … Read more

बैग पैक कर लो – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

राजीव गांधी नेशनल पार्क में सुबह सुबह ठहाकों की आवाज़ें सुनाई दे रही थी । यहाँ रोज रिटायर्ड बुजुर्गों की एक मंडली बैठती है जो कुछ देर वॉकिंग करते हैं फिर वहीं पर बेंच पर बैठ कर हँसते गाते अपने सुख दुख बाँटते रहते हैं । उनकी अच्छी खासी दोस्ती हो गई थी वे एक … Read more

हमारे दिए संस्कारों में कोई कमी रह गई होगी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

कोर्ट में कटहरे में खड़े होकर एक पिता आँखों में आँसू भरकर कह रहा था कि जज साहब शायद हमारे दिए गए संस्कारों में कोई कमी रह गई होगी इसलिए आज मेरी बेटी ने मुझे यहाँ लाकर खड़ा कर दिया है । समाज में मेरा तमाशा बना दिया है । मेरी तो इतनी ही गलती … Read more

समय बीत जाता है यादें रह जाती हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

बात उस समय की है जब हमारी ग्याहरवीं की परीक्षा ख़त्म हो गई थी और हमारे माता-पिता मेरी शादी की बात चलाने लगे थे माँ ने कहा कि शादी के फ़िक्स होते तक सिलाई कढ़ाई सीख ले और मेरा वहाँ दाख़िला दिलाया ताकि मैं कुछ काम सीख लूँ । वहाँ मेरी मुलाक़ात बहुत सारी लड़कियों … Read more

मैं बेटी के मोह में सही गलत का फर्क भूल गई – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जब से सुमन की शादी तय हुई है सरिता उसके पीछे पड़ गई थी कि इतने बड़े घर में तेरा ब्याह हो रहा है मुझे डर लग रहा है कि तुम वहाँ कैसे रह पाओगी । सुमन- माँ वे भी इनसान ही हैं और अच्छे लोग हैं आप तो ऐसे कह रही हैं जैसे मैं … Read more

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