हमारे ख़ानदान में लेने देने की जगह रिश्तों में प्यार हो और अपनापन हो इस बात पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

नरेश जी ने इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष में पढ़ रही अपनी बिटिया रजनी से कहा कि बेटा अब तो तुम्हारी पढ़ाई ख़त्म हो रही है मैं और तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए रिश्ते देखना चाहते हैं।  तुम्हारी नज़र में वर कैसा होना चाहिए । सुधा ने कहा आप भी उससे क्या पूछ रहे हैं बिल्ली से पूछ … Read more

ननंद – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुमन अपनी ननंद को लेकर मायके में भाई की शादी में शामिल होने के लिए पहुँची ।  उसकी ननंद श्रीजा इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके एक बहुत बड़ी कंपनी में जॉब कर रही थी । नवीन की नज़रें बार बार श्रीजा की ओर आकर्षित हो रहीं थीं । वह जानना चाहता था कि इस बला … Read more

आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाई ही नहीं पड़ता है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जमुना पति की मृत्यु के बाद घर में अकेले ही रहती थी । बेटी अमेरिका में रहती थी और बेटा सिंगापुर में रहता था । उन दोनों की शादी हो चुकी थी बिटिया फाल्गुनी के कोई बच्चे नहीं थे । लेकिन बेटा दीपक और बहू मेघा की एक बेटी थी अयति। जमुना गहरी नींद में … Read more

एक फ़ैसला आत्मसम्मान के लिए – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

नलिनी कॉलेज में लेक्चरर थी । उस दिन छुट्टी थी इसलिए कोई हड़बड़ी नहीं थी आदत से मजबूर उस दिन भी उसकी नींद जल्दी ही खुल गई थी । वह उठकर अपने कमरे से बाहर आई तो बादल छाए हुए थे ऐसा लग रहा था जैसे अब बरसने लगेंगे । वह बरामदे में ही एक … Read more

माँ मेरी पत्नी की जगह आपकी बेटी होती तो – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह सुबह सुहासिनी को घर के अंदर आते हुए देख रोहन ने खुशी से कहा अरे वाह तुम आ गई हो कैसे हैं बिटिया और दामाद उनके प्रश्न पूछने की देरी थी बस सुहासनी का चेहरा चाँद के समान चमकने लगा और कहने लगी मैं चाय बना लाती हूँ फिर हम बैठते हैं मैं सब … Read more

बड़ी भाभी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

गिरिजा रसोई में खाना बनाने में व्यस्त थी क्योंकि उसे आज कम से कम आठ लोगों के लिए टिफ़िन बाँधनी थी क्योंकि आज से ही स्कूल कॉलेज खुल गए थे । ननद के दो बेटे और दूर के रिश्तेदार के दो बेटे तथा उसके खुद के दो बच्चे पति और उनके मुँह बोले भाई आए … Read more

टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

वाकिंग के लिए गए हुए राजेश जी घर पहुँचे तो देखा पत्नी सीता कामवाली बाई से बात कर रही थी वह बता रही थी कि कल रात अचानक फर्स्ट फ्लोर में नए आए हुए प्रतीक जी की तबीयत खराब हो गई थी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था । सीता ने कहा अरे … Read more

कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

माधवी अपने कमरे से निकल कर माँ को आवाज़ देती है कि माँ जल्दी से लंच बॉक्स दे दीजिए सुनीता आ रही होगी । हो गया है बेटा ला रही हूँ कहती हुई सरस्वती बॉक्स उसके हाथ में थमा कर कहती है कि जल्दी आ जाना बिटिया देरी करोगी तो मेरा दिल बैठा जाता है … Read more

अनकहा दर्द – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जगन और मदन दोनों मुंजेरी गाँव में एक साथ मिलकर रहते थे । जगन की पत्नी सुमन डिलीवरी के लिए अस्पताल गई हुई थी उनका बड़ा बेटा राम घर पर चाची मौसमी के पास रुका हुआ था । मदन ने घर के अंदर आते हुए जोर से चिल्लाकर कहा राम तुम्हारा छोटा भाई हुआ है … Read more

मैं अपने अहंकार में रिश्तों के महत्त्व को भूल बैठी थी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुगंधी पति वेदांत से कह रही थी देखिए मैंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और खाली घर में बैठी हुई हूँ बच्चे स्कूल और आप ऑफिस चले जाते हैं तो मेरा समय कटना मुश्किल हो जाता है । वेदांत ने उसकी बात पर गौर किया और अपने दोस्त से बात करके एक चिटफ़ंड कंपनी में उसको … Read more

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