श्रद्धांजलि (अंतिम भाग ) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

बदले में सुकन्या की हॅसी सुनाई दी – ” मुझे इतना मूर्ख कैसे समझ लिया? एक बार धोखा खाने के बाद दुबारा धोखा खाना मेरा स्वभाव नहीं है। मैं जानती हूॅ कि तुम कोई चाल चलकर मुझसे वो सारे प्रमाण प्राप्त करने का प्रयत्न करोगे लेकिन सूचना के लिये बता दूॅ कि मेरे अपहरण और … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 9 ) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

सुकन्या ने मेट्रो में मिली लड़की रजनी की बात भी उसे बताई। मृत्युंजय चाहता था कि सब कुछ पुलिस को बताकर वरदान को गिरफ्तार करवा दिया जाये जबकि सुकन्या चाहती थी कि वरदान का दाम्पत्य पूरी तरह बरबाद हो जाये और उसके पास अपनी पत्नी और बच्चों के पास लौटने के रास्ते बन्द हो जायें। … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 8 ) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

सुकन्या का अब थोड़ा काम ही शेष रह गया था। वह वरदान का सिर तब तक सहलाती रही जब तक वह सो नहीं गया। इसके बाद उसने अपने आटो मैटिक कैमरे से अपनी और वरदान की वैसी ही तस्वीरें खींची जैसी गृह प्रवेश वाले दिन खींची थी लेकिन इस बार सुकन्या का चेहरा स्पष्ट नजर … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 7) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

आखिर वह दिन आ गया जिसकी वरदान से अधिक सुकन्या को प्रतीक्षा थी। सुमन जी को समझाकर सुकन्या अपने फ्लैट में आ गई लेकिन आने के पहले अपनी योजना को साकार रूप देने के लिये कमरे में इस तरह छुपाकर दो आटोमेटिक ऐसे कैमरे रख दिये जो निर्धारित समय के बाद बिना छुये या बटन … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 6) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

यहॉ आकर उसकी सोंच को एक दिशा मिलनी शुरू हो गई। उसने नीलिमा के आफिस में फोन किया तो उसे पता चला कि आफिस में  सेकेट्री की जगह के लिये इंटरव्यू तो लिया गया है लेकिन अभी तक बॉस को कोई लड़की उचित नहीं लग रही है। दूसरे दिन सुकन्या नीलिमा के आफिस गई। वहॉ … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 5) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

नीलिमा की अचानक मृत्यु की खबर सुनकर सुकन्या के मम्मी पापा तुरन्त आये लेकिन लाख समझाने पर भी सुकन्या आने को तैयार नहीं हुई। रोते हुये कहा उसने – ” मैं नीलिमा का मृत शरीर देखने नहीं जा सकती। मैं कभी उसे मृत नहीं मानूॅगी, मेरे लिये नीलिमा कभी नहीं मर सकती। आप लोग जाइये।” … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 4 ) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

नीलिमा आफिस तो आने लगी लेकिन उसके अंदर एक अजीब सी बेचैनी रहने लगी, तबियत बोझिल सी रहने लगी, काम में मन नहीं लगता था, गल्तियाॅ अधिक होने लगीं। सबसे बड़ी बात बॉस के व्यवहार में भी पहले जैसी बात नहीं रही। एक दिन तो उन्होंने सबके सामने उसे बुरी तरह डॉट दिया – ” … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 3) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

वरदान और रुद्रा चुपचाप ऊपर चले गये। ऊपर का कमरा कबाड़ से भरा था। छत पर एक लेट्रीन और बाथरूम भी था, लेकिन कमरे की फर्श और दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं था और छत टीन की थी। दोनों ने मिलकर उस कमरे को सफाई करके रहने लायक बनाया। सास ने नीचे से एक झाड़ू, … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 2) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

“ फिर क्या करें? मुझे इस लड़की से ऐसी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी“ महिमा का उदास स्वर। “ देखो महिमा”,अजय सिंह पत्नी को बड़े धैर्य से समझा रहे थे –“ हमें बिना अपना व्यवहार बदले बुद्धिमानी से काम लेना होगा। उसे पता नहीं चलना चाहिये कि हम सब कुछ जान गये हैं। उसका रिजल्ट आ … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 1) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

विवाह का प्रसन्नता एवं उमंग भरा अवसर। नीरजा की दीदी के बगल में खड़ी रुद्रा ने जब दूल्हे के साथ खड़े वरदान को देखा तो जैसे उसका दिल अवश हो गया। नीरजा की बहन की शादी में परिहास, शरारत और मस्ती के लिये देखे गये अनेक स्वप्न, तमाम योजनायें धराशाई हो गईं, वह तो मुग्धा … Read more

error: Content is Copyright protected !!