उपहार (भाग-10) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

दक्षिणा कभी ऑफिस में किसी से हाथ नहीं मिलाती थी‌। अगर कोई हाथ बढ़ा देता तो वह मुस्कुरा कर दोनों हाथ जोड़ देती थी। मुकुल में एकाध बार कहा भी – ” किस जमाने में जी रही हो दक्षिणा, हाथ मिलाने में क्या हर्ज है?” ”  मेरी अपनी मर्जी। मुझे हर एक व्यक्ति का स्पर्श … Read more

उपहार (भाग-9) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को देखते रह गये ।मुकुल की खुद की ऑखें भी नम हो आईं। शायद दक्षिणा को मुकुल के इस तरह आने से खुशी हुई थी लेकिन ऊपर से डाॅटा – ” आप ••••• आपको क्या जरूरत थी आने की ?मैंने मना किया था ना आने को। घर वालों को … Read more

उपहार (भाग-8) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

दूसरे दिन दक्षिणा नहीं आई, उसका फोन आया – ” मेरे पैर में मोच आ गई है। मैं किसी भी तरह आ नहीं पाऊॅगी। आप रिपोर्ट तैयार करके भेज दीजिये।” ” कैसे हो गया? दवा ली?  डॉक्टर को दिखाया ? ” मुकुल बौखला गया । ” बाद में सब बताऊॅगी।  आप काम शुरू कर दीजिये। … Read more

उपहार (भाग-7) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

दूसरे दिन अहिल्या ने मुकुल को दो टिफिन बाक्स दिये – ” एक तुम्हारा और एक दक्षिणा का।” ” अपना टिफिन बाक्स तो वह खुद लेकर आई होगी।” ” नहीं, उसे पता है कि आज उसके लिये खाना मैं भेजूॅगी।” अहिल्या मुस्कराई। ” तुम लोगों की भी अजीब साजिशें है‌, अब तुम लोगों की दोस्ती … Read more

उपहार (भाग-6) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

मुकुल का मन और भी तेजी से दक्षिणा की ओर भागने लगा। एक दिन जब दक्षिणा ने आधे दिन की छुट्टी ली तो मुकुल ने शाम को अहिल्या से कहा -” आज तो तुम अपनी सहेली के साथ घूमने गई होंगी?” ” पापा आज मौसी का जन्मदिन था। देखिये मौसी ने हम लोगों को क्या-क्या … Read more

उपहार (भाग-5) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

दक्षिणा ने भले ही अहिल्या को कुछ नहीं बताया लेकिन धीरे-धीरे मुकुल के सामने स्पष्ट हो गया कि दक्षिणा के जीवन में कष्ट , परेशानी और दुख के सिवा कुछ न था।  समीपता बढ़ने के साथ ही उसके अंदर की घुटन ने मुकुल को छू लिया और मुकुल भीतर तक तड़प कर रह गया – … Read more

उपहार (भाग-4) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

” हे भगवान क्या करूॅ मैं?” लेकिन ऑफिस आते ही वह सब कुछ भूल जाता। मन के चोर को छुपाने के लिए वह अहिल्या और बच्चों से कुछ अधिक ही प्यार का प्रदर्शन करने लगा – ”   क्या बात है आजकल आप कुछ अधिक ही रोमाण्टिक होते जा रहे हैं ? इस अतिरिक्त मेहरबानी … Read more

उपहार (भाग-3) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

दोनों की सीट अगल-बगल हो गई। दक्षिणा और मुकुल ने जब कार्य शुरू किया तो सबसे अधिक परेशानी उन्हें हुई जो रिश्वत देकर गलत सुविधा पाने के आदी हो चुके थे। रिश्वत के प्रलोभनों के दाने फेक जाने लगे।  शीघ्र ही सबको समझ में आ गया कि यदि उनके द्वारा प्रस्तुत किये गए सभी कागजात … Read more

उपहार (भाग-2) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

समारोह में दक्षिणा से मिलकर अहिल्या बहुत खुश हुई। जब मुकुल ने उसे अहिल्या और बच्चों से मिलाया तो उसने तुरंत ऑफिस के एक लड़के को बुलाया – ” दीपक, आज मैंने अपनी सहेली और बच्चों को बुलाया है। इसलिये मुकुल जी के साथ मिलकर यहाॅ की व्यवस्था सम्हाल लेना। अच्छे से काम करना मुकुल … Read more

उपहार (भाग-1) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

जब से अहिल्या दक्षिणा से मिलकर आई है मुकुल का मन बार-बार कर रहा है कि वह चुपचाप जाकर दूर से दक्षिणा को देख आये । दक्षिणा की प्यारी हॅसी उसके कानों में गूॅज रही थी, नेत्रों की तरलता साकार रूप धरकर  बाॅहें फैलाए उसके गले लगने को आतुर थीं, राज को छुपाने वाले बन्द … Read more

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