श्रद्धांजलि (भाग 3) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

वरदान और रुद्रा चुपचाप ऊपर चले गये। ऊपर का कमरा कबाड़ से भरा था। छत पर एक लेट्रीन और बाथरूम भी था, लेकिन कमरे की फर्श और दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं था और छत टीन की थी। दोनों ने मिलकर उस कमरे को सफाई करके रहने लायक बनाया। सास ने नीचे से एक झाड़ू, … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 2) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

“ फिर क्या करें? मुझे इस लड़की से ऐसी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी“ महिमा का उदास स्वर। “ देखो महिमा”,अजय सिंह पत्नी को बड़े धैर्य से समझा रहे थे –“ हमें बिना अपना व्यवहार बदले बुद्धिमानी से काम लेना होगा। उसे पता नहीं चलना चाहिये कि हम सब कुछ जान गये हैं। उसका रिजल्ट आ … Read more

श्रद्धांजलि (भाग 1) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi

विवाह का प्रसन्नता एवं उमंग भरा अवसर। नीरजा की दीदी के बगल में खड़ी रुद्रा ने जब दूल्हे के साथ खड़े वरदान को देखा तो जैसे उसका दिल अवश हो गया। नीरजा की बहन की शादी में परिहास, शरारत और मस्ती के लिये देखे गये अनेक स्वप्न, तमाम योजनायें धराशाई हो गईं, वह तो मुग्धा … Read more

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