नारी का पुरुषार्थ – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   रवि,क्या मेरी एक बात मान लोगे?        बोलो ना,सुमन तुम जो कहोगी मैं करूँगा।        देखो मैंने ये प्राइवेट रूप में इंटर करने के लिये फॉर्म मंगवाया है, इसे भर कर भेजना है।सब पुस्तके मैं मंगवा दूंगी, पर पढ़ना तो पड़ेगा।बाद में एग्जाम होंगे।देखना तुम निश्चित रूप से सफल होंगे।फिर मैं हूँ ना।       क्या तुम चाहती हो … Read more

*निःशब्द रिश्ते* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 भाई रमेश तुमने नोट किया,जबसे माँ बीमार पड़ी है, तब से नयना ने यहां जल्दी जल्दी आना शुरू कर दिया है।         बस सुरेश तुमने कह दिया जबकि मेरे मन मे ये बात पहले से ही थी।         माँ के तो अब चला चली के दिन है,ये घर और प्लाट पिता छोड़ कर गये हैं।नयना कहीं हिस्से … Read more

घर का चिराग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   बाबूजी,एक बार केवल एक बार मुझे स्वीकार कर लो।मैं जिंदगी से हार गया हूं,मुझे सहारा दे दो बाबूजी मुझे अपना लो बाबूजी।कह कर चिराग फूट फूट कर रोने लगा।       निर्विकार भाव मे खड़े आनंद स्वरूप जी अपने बेटे का अंतर्नाद सुन अंदर तक कांप गये।असमंजस में अंदर उमड़े स्नेह प्यार के भावों को प्रकट कर … Read more

बदलता जमाना – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  माँ जी, हिचक छोड़ मुझे नौकरी करने की इजाजत दे दे।अब पहले वाला जमाना नही रहा है, माँ जी अब लड़कियां भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।और अपने परिवार में सहयोग कर रही हैं।         वो सब मैं भी जानती हूं पर बेटी हमारे खानदान में महिलाएं नौकरी नही करती।अब तू ही बता,तू तो … Read more

स्वाभिमान – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  एक बात बोलूं राजीव,मैं चाहती हूं हम अपने घर मे अपने कस्बे में ही शिफ्ट कर ले।मेरा मन यहां नही लगता।मुन्ना के स्कूल की बस तो अब वहां भी आने लगी है,हमारा मुन्ना अब स्कूल बस से स्कूल आ सकता है।         अचानक शिवि के मुख से ये बात सुन राजीव हक्का बक्का रह गया।शिवि क्या … Read more

*हत्या एक विश्वास की* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     अमावस की रात, कड़ाके की ठंड दिसंबर का सर्द महीना, सब अपने अपने घरों में रजाइयों में लिपटे बंद, ऐसे घनेरे अंधेरे में सन्नाटे को चीरती रुदन की आवाज ने पूरी गली को झकझोर दिया।कोई न कोई तो अनहोनी हुई है, तभी तो इतनी सर्दी में भी यह रुदन।गली के अधिकांश लोगों की निद्रा के … Read more

आशियाना – बालेश्वर गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

  जानती हो गुड़िया की माँ,हमारी गुड़िया सचमुच में लक्ष्मी है,इसका घर मे आना हुआ उधर मालिक ने बहुत कम कीमत पर वो छोटा सा प्लाट दे दिया।अब हम धीरे धीरे अपना घर बना लेंगे।हमारी गुड़िया बहुत भागवान है,री।      अरे ये तो बहुत ही अच्छा हो गया।अब हमारा भी घर हो जायेगा।कब से अपने घर का … Read more

*फटे में टांग अड़ाना* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    हरिया आज फिर मेरे पास आया और फिर पुरानी व्यथा सुनाने लगा कि कैसे उसका भाई और भतीजा उसके जमीन के चक को हड़पने की चाल चल रहे है।मेरी समझ नही आ रहा था कैसे उसकी मदद करूँ?फिर भी मुझे उसकी बात सुन उससे सहानुभूति होती।       एक दिन मैं स्वयं गावँ के पटवारी के पास … Read more

*समय चक्र* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  रोशन लाल एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति थे।उनके दो बेटे थे-रमाकांत और सूर्यकांत।सामान्य सी परचून की दुकान से रोशन लाल ने अपने दोनो बेटों की अच्छी परवरिश की और उनकी पढ़ाई लिखाई में कोई कमी न आने दी।दोनो बेटे अपने पिता की मेहनत लगन से अनभिज्ञ तो थे नही,सो पढ़ाई से बचे समय मे पिता … Read more

सूनी कलाई पर राखी – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ताशकंद में अपने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का निधन हो गया था,उनका पार्थिव शरीर भारत अगले दिन यानि 12 जनवरी 1966 को लाया जा रहा था,हवाई अड्डे से उनकी शव यात्रा प्रारंभ होनी थी।मार्ग में दोनो ओर हजारों की संख्या में लोग अश्रुपूरित श्रंद्धाजलि देने एवम उनके अंतिम दर्शन को खड़े थे।मेरठ से 16 … Read more

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