*नया सूरज* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
पापा, बस अब यह सब नही,बहुत हो चुका।अब मैं आपसे कुछ भी नही लूँगी। पर बेटा मेरा सबकुछ तेरा ही तो है, तू क्यो टेंसन लेती है। पापा, आप मेरे आत्मसम्मान के बारे में भी तो सोचो।सचिन से शादी का निर्णय मेरा था,यदि मेरा निर्णय गलत सिद्ध हुआ है तो उसे मैं ही भुगतुंगी,आप नही। … Read more