उड़ान – बालेश्वर गुप्ता
देख रज्जो, तू मेरी बहन जैसी है, इसलिये समझा रही हूं,शालू को संभाल, नही तो पछताएगी। क्यो क्या हुआ,सरोज?मेरी शालू ने ऐसा क्या कर दिया,जो मुझे पछताना पड़ेगा।वो तो यहां अब गांव में कितना रहती है, शाम ढले आती है, दिन भर तो वह शहर में ही रहवै है। गांव में नही रहती यही तो … Read more