बारिश का इश्क (भाग – 8 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“वर्तिका, आ जाओ नीचे, बारह बज गए हैं। टिकट नहीं मिलेगा।” संगीता थोड़ी देर में ही आवाज लगाने लगी।  उसने धानी रंग की शर्ट और काले रंग की स्कर्ट डाले हुए थी और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। मैं पजामा कुर्ता डाले ही चल दी। चेहरे पर कोई रंग रोगन नहीं, यहाँ तक कि … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 7) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“तेरे तो कजरारे नयन भी बरसने के लिए भी तैयार बैठे हैं।” संगीता के इतना कहते ही मैं उससे लिपट गई और मेरी आँखों से खुशी भरी गंगा यमुना की धारा बह निकली।  “तेरे तो कजरारे नयन भी बरसने के लिए भी तैयार बैठे हैं।” ऐसा कहते ही संगीता ने मुझे आलिंगन में ले लिया … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 6) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“आज का प्रोग्राम सबके सहयोग से काफी अच्छा रहा। आज का मौसम भी अजीब रहा। मौसम ने आज कई रूपों में अपनी सुंदरता प्रदर्शित की है। कभी बारिश की फुहारों ने मिट्टी की सुगंध से हमें नहला दिया। कभी आसमान में बिखरी हुई बौछार ने सूरज की किरणों के साथ ऑंख मिचौली खेलती सी लगी … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 5) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“कार्यक्रम में इतना उत्साह आ गया था कि जिन्होंने कभी दो पंक्ति भी नहीं लिखी थी, वो भी दो क्या छः पंक्ति की कविता फटाफट रच कर बोल रहे थे। क्या दिन थे वो भी!” वर्तिका की आवाज़ में वह उत्साह था जो उन दिनों के कार्यक्रम में छाया हुआ रहा होगा। सभी ने अपनी-अपनी … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 4) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

लंच की व्यवस्था बगल वाले हॉल में हुई और हम सभी वहां पहुंचकर आश्चर्यचकित थे। लंच के लिए नीचे चादरें बिछाई गई थी, जो हमें गाँव के समारोह की याद दिला रहा था। खुशबूदार चादरों पर बैठकर हमने एक दूसरे के साथ खाना बाँटने का आनंद लिया। मेरे पास पहले से इस तरह के समारोहों … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 3) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

मैं खुद को आइने में देखकर पहचान नहीं रही थी। अब मुझे चिंता हो गई कि अगर उसने भी मुझे नहीं पहचाना तो, ये सोचते ही मैं रुआँसी हो गई। मुझे ऐसे देखकर माँ ने पूछ ही लिया, “क्या बात है बेटे.. तुम्हारा चेहरा क्यूँ मुरझा गया? बालों का बनावट बदल दूँ क्या?” माँ को … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 2) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

घर जाकर मैंने पीली साड़ी के लिए पूरा घर सिर पर उठा लिया। माँ के पास तीन चार पीले रंग की साड़ी थी, सब एक से बढ़कर एक। उस दिन मुझे एक भी साड़ी पसंद नहीं आई।  “चल बाजर चल कर ही ले आते हैं साड़ी और गजरा भी ले लेना, सुंदर लगेगी।” माँ ने … Read more

बारिश का इश्क – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन जाने आज वर्तिका की बेटी ने पुराने गाने कैसे लगा दिए.. नहीं तो बेफालतू के धूम धमाके सुबह से शुरू हो जाते हैं। कितनी बार कहा है, “सुबह भजन लगा रहने दो। ना हो तो कोई हवा में गुँजन करने वाले गाने लगा लिया करो।” वर्तिका रविवार की … Read more

हमसफ़र – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्रमजीवी एक्स्प्रेस ट्रेन दिल्ली से पटना जा रहे मलय के कोच में बनारस स्टेशन पर आधी रात में चढ़ने वाली महिला के बर्थ पर बैठते ही उसकी हैलो की आवाज सुन झटका लगा। “सलोनी”…उसने बोलने वाली के चेहरे को देखना चाहा, लेकिन चेहरा दूसरी ओर घूमे होने के कारण देख … Read more

दिव्या(आखिरी भाग ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“रिकार्डिंग सुनकर सब स्पष्ट हो जाएगा माते। कल दिव्या रिकॉर्डिंग सुन ले। सुनने के बाद उसके मन में आये सारे संदेह दूर कर दूँ। उसके बाद आप सब भी रिकार्डिंग सुन सकते हैं।” दिव्या की दादी के सवाल पर बारी बारी से सभी को देखता हुआ राघव कहता है। “आज तो मैं ही कई बार … Read more

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