दिल तो बच्चा है जी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

दोनों बेटे की परवरिश, पति की आज्ञा का पालन.. दूसरों के मन मुताबिक चलते चलते विद्या भूल ही गई थी कि उसकी अपनी भी कुछ इच्छाएँ थी। बड़े बेटे सुजय ने अपने ही साथ पढ़ने वाली सौम्या से विवाह किया था। सौम्या अपनी माँ स्वाति की तरह ही बहुत मधुर स्वभाव की थी। उसी शहर … Read more

नई पौध – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

कुछ दिनों पहले सीमा की बेटी भव्या की दसवीं का परिणाम आया था। भव्या ने विद्यालय में प्रथम स्थान हासिल किया था। इसी खुशी में भव्या का मन रखते हुए सीमा ने कुछ रिश्तेदारों और दोस्तों को पार्टी के लिए आमंत्रित किया गया था।  “चाँदनी, कल घर में दावत है तो तुम्हें रात नौ बजे … Read more

गलत के खिलाफ – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

नहीं मैं पुलिस कंप्लेन वापस नहीं लूॅंगी, मेरा भाई है तो क्या हुआ? उन लड़कियों का भी तो सोचिए, जिन्हें यह दिन भर गंदे गंदे संदेश भेज कर परेशान करता रहता है। मैं भाई के खिलाफ नहीं गलत के खिलाफ हूॅं। मालिनी के शिकायत दर्ज कराने पर पुलिस स्नातक कर रहे उसके भाई रवीश को … Read more

अति सर्वत्र वर्जयेत – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

माता पिता की इकलौती बिटिया सिया होनहार, प्रत्येक नई चीज सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहने वाली प्रतिभाशाली एमबीए की छात्रा रही थी। एमबीए समाप्त होने के बाद प्लेसमेंट ना लेकर वह एक कंपनी में जॉब इंटरव्यू के लिए गई। कंपनी की सीईओ मिसेज मेहता भी उस इंटरव्यू में उपस्थित थी और सिया से काफी … Read more

दायित्व – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

माधवी आज जब से बेटे का ओरिएंटेशन प्रोग्राम अटेंट कर घर आई है। उसका मन कभी अतीव प्रसन्नता का अनुभव कर रहा है और कभी दौड़ कर अतीत की ओर भागता हुआ गम के सागर में डूब रहा है।  आज ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कई बेटियों को अपना परिचय देते देख वो अभिभूत हुई जा रही … Read more

एक अजनबी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

विवाह के तीन चार साल हो गये थे। विश्विद्यालय की परीक्षा में हिन्दी साहित्य के लिए स्वर्ण पदक विजेता स्वाति चाह कर भी घर गृहस्थी के अलावा कुछ नहीं सोच पा रही थी। कभी लिखना, पढ़ना, गुनगुनाना यही जिंदगी थी उसकी। हिन्दी साहित्य से जुड़ी कोई भी प्रतियोगिता आयोजित होती थी,  महाविद्यालय या विश्विद्यालय की … Read more

बारिश का इश्क (अंतिम भाग – 11 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

मैं कॉलेज के कामों में व्यस्त होने लगी, घर पर भी मेरा दिन कामों में उलझा बीतता। कान में बिन बजे ही फोन की घंटी की आवाज ही सुनाई देने लगी थी और इस तरह से एक सप्ताह बीतने को आया था। इस दौरान मुझे संगीता के लिए अजीब सी झुंझलाहट महसूस होने लगी। उनके … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 10 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

कॉलेज मिलते ही और हॉस्टल जाने की तिथि तय होते ही “वो” हमसे मिलने हमारे कॉलेज आया था। हम तीनों ने उस दिन कॉलेज कैन्टीन में साथ साथ लंच लिया, इधर उधर की बातें हुई। भविष्य को लेकर अपने अपने सपने शेयर किए हमने।”उसने” बताया.. “कल “वो”हास्टल जा रहा है और उसे हम सब की … Read more

किस्मत का खेल- आरती झा आद्या   : Moral stories in hindi

इसे किस्मत का खेल ही कहेंगे कि कभी एक जोड़ी कपड़े में मायके से विदा की गई संविदा आज दुल्हन की तरह सजी दर्पण के सामने बैठी थी। संविदा की ऑंखें अपने पहने हुए लहंगे पर हाथ फेरती तरल हो गई थी। आज उसकी पंद्रहवीं वैवाहिक वर्षगांठ था, जिसके लिए उसके सास ससुर और दोनों … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 9 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“चल कुछ लेकर आया जाए।” ये कहते हुए संगीता की नजर उस पर पड़ी।  “मजनूं बैठा है तेरी बगल में।” कुछ जोर से संगीता ने कहा।  “क्या कह रही है तू?” मैंने आँखें तरेरी। “तुम यहाँ कैसे?” संगीता ने उससे पूछा और मैंने मुस्कान बिखेरी।  “जैसे तुम दोनों यहाँ, सिनेमा देखने।” उसने भी उसी तरह … Read more

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