मां से ही मायका होता है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi :  क्या कहा!! मां जी सीढ़ियों से गिर गई, और उनके सिर में भारी चोट लगी है, ये सुनते ही निशू रोने लगी, उसके पति आदित्य ने फोन संभाला,” हां राजेश ज्यादा गहरी चोट तो नहीं है? उसने निशू के भाई से पूछा “। “जीजू चोट तो गहरी है, डॉक्टर कह रहे … Read more

ससुराल में सब सहना होता है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

New Project 38

Moral stories in hindi : “विधि, जरा जल्दी से उठ जा और रसोई में आकर मेरी मदद कर रेणुका जी ने रसोई से आवाज लगाते हुए कहा। विधि आधी नींद में हो रही थी, उसकी आंखें ही नहीं खुल रही थी, वो कोशिश कर रही थी पर कैसे उठती? रात को एक बजे सोई थी … Read more

बेटी को सब अधिकार है बहू को क्यों नहीं? – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 69

Moral Stories in Hindi : संगीता के बेटे की शादी है, हम सबको बुलाया है, ममता जी ने खुशी से बताया। हां, तो हम सब चलेंगे, आखिर तुम्हारी सहेली के बेटे की शादी है, पर रिशते तो परिवार के जैसे है, हम सब चलेंगे, वो भी तो हमारे आदित्य की शादी में सपरिवार आये थे, … Read more

आपको अपने बेटे पर गर्व होना चाहिए – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रंजन बेटा उठ जा चाय तैयार है, विमलेश जी ने अपने बेटे को आवाज लगाई, पर वो बिस्तर पर बेसुध सा पड़ा हुआ था। रात को तीन बजे घर आयेगा तो सुबह सात बजे  कैसे उठेगा? तुम्हें मना किया था, इसके लिए चाय बनाई ही क्यों? रंजन के पापा चिल्लाकर … Read more

ना मै अच्छा बेटा बन पाया ना ही अच्छा पिता बन पाया – अर्चना खंडेलवाल

मम्मी, फ्रिज मै रसगुल्ले रखे हैं मै खा लूं? बड़ा मन कर रहा है, मनीष ने मचलते हुए कहा तो रजनी बोली, अभी नहीं पहले पापा को ऑफिस से आने दे, सब साथ में खायेंगे, थोड़ा तो सब्र रखना सीख, परिवार में सब साथ खाते हैं तो प्यार बढ़ता है।ठीक है मम्मी, ये कहकर वो … Read more

मैं इस बार मायके नहीं आऊंगी.!! – अर्चना खंडेलवाल  

New Project 60

निधि जल्दी से नीचे आओ, तुम्हारा फोन बज रहा है, निधि दौड़कर आती है, मां का फोन था, निधि को और भी काम थे, थोड़ी देर बाद बात करती हूं ये कहकर निधि अपने काम में लग गई,मनन का टिफिन बनाना था, उसके ऑफिस का समय हो रहा था, शिवम को भी स्कूल जाना था, … Read more

मां का दर्द मां बनके ही समझ आता है।- अर्चना खंडेलवाल 

New Project 46

मां यह क्या इतना सारा आटा सेंक रही हो!!मैं इतने सारे लड्डू नहीं ले जाऊंगी, खाऊंगी तो मोटी हो जाऊंगी, आप कुछ कम कर लो, बहुत समय भी लग जायेगा और हमें बहुत सारे काम भी निपटाने है, मार्केट भी जाना है और शॉपिंग भी तो करनी है, सपना ने रसोई में मां सुजाता को … Read more

 माता-पिता तो बच्चों को हर हाल में सहारा देते हैं। – अर्चना खंडेलवाल

dadaji

गिरिजा ने दवाई का पैकेट उठाया तो देखा उसमें गोली नहीं थी, उसे याद आया कि दवाई तो कल रात को ही खत्म हो गई थी उसने विकास को लाने को बोला तो था, पर शायद वो भूल गया होगा, उसने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से आवाज नहीं आई, वो चुपचाप वापस … Read more

संस्कार तो बेटे को भी देने पड़ते हैं। – अर्चना खंडेलवाल

New Project 38

“मुझे उम्मीद नहीं थी सात साल बाद ऐसा कुछ होगा!!! अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था सामने प्राची को देखकर लग रहा था कि दुनिया बहुत ही छोटी है सोना कभी प्राची से फिर से मिलेगी ऐसा सोना ने सपने में भी नहीं सोचा था। जो रिश्ते संज्ञाहीन और भावशून्य हो जाये उन … Read more

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