मेरी ननदें मेरे लिए बोझ नहीं है ( भाग -1) – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ये क्या तुम वापस मायके आ गई!! तुम्हें शर्म नहीं आती, जब देखो मुंह उठाकर चली आती हो? ससुराल में मन नहीं लगता क्या? सुरेखा भाभी ने ताना मारा तो नीरजा अंदर तक हिल गई, पर वो भाभी का ये कड़वा ताना भी सह गई। अभी दो साल पहले ही … Read more

हमें बस आपका आशीर्वाद चाहिए – अर्चना खंडेलवाल   : Moral Stories in Hindi

“रंजन बेटा, तेरे बाबूजी का चश्मा टूट गया है, आज नया बनवाकर ले आना, इन्हें अखबार पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है।” निर्मला जी ने अपने बेटे से कहा। “ठीक है, मम्मी दे दो समय मिला तो बनवा लूंगा, और वो चश्मे का फ्रेम लेकर चला गया।” निर्मला जी अपने पति और बेटे बहू के … Read more

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पिया का घर है, रानी हूं मैं –  अर्चना खंडेलवाल

“शुभि उस बर्तन को इधर रैक में रख, उस तरफ मेरा हाथ नहीं जाता है और वो शक्कर का डिब्बा इधर ला, उसे यहां रखना है।” शुभि ने वैसा ही किया जैसा मां ने बोला| “तू शादी के बाद सब भूल गई, मायके की रसोई में तेरा अब ध्यान नहीं है” मां ने हंसकर उलाहना … Read more

मैने कोई गलती नहीं की तो मै क्यों बर्दाश्त करूं? – अर्चना खंडेलवाल: hindi stories with moral

hindi stories with moral : सब तेरी गलती है, तेरी वजह से आज मेरा बेटा भूखा चला गया, उसने नाश्ता भी नहीं किया और टिफिन भी लेकर नहीं गया, पता नहीं तू उससे किस जन्म का बदला ले रही है? तू अपनी जिद छोड़ क्यों नहीं देती? तूने पूरे घर का माहौल खराब कर रखा … Read more

ये बेटे का घर है हमारा नहीं।- अर्चना खंडेलवाल: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “पापा, ये गिलास यहां टेबल पर नहीं अंदर सिंक में रखकर आइये, अभी तान्या ऑफिस से आयेगी तो गुस्सा करेगी, उसे ये सब फैलावड़ा पसंद नहीं है, और आप अपना ये अखबार, किताबें, चश्मा और दवाइयां भी यहां से हटा लीजिए, ड्राइंगरुम साफ सुथरा होना चाहिए, मै तान्या के लिए … Read more

मुझे अपनों के बीच जाना है। –   अर्चना खंडेलवाल

पिंकी की हल्दी की रस्म चल रही थी, सभी रिश्तेदार आये हुए थे, हंसी-खुशी और ठहाके घर में लग रहे थे, सुनिधि ये सब वीडियो कॉल में देख रही थी, उसका भी मन था वो भी अपनी चचेरी बहन की शादी में शामिल होती पर उसके मायके और अमेरिका में बहुत दूरी थी। हर बार … Read more

मीरा कभी ना होगी मोहन की … – अर्चना खंडेलवाल

मीरा के जीवन के उतार-चढ़ाव  ने उसे रिश्तों का अच्छा पारखी बना दिया था। समझदार होते ही वह अपना खर्चा निकालने लगी थी। मौहल्ले के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर उसने अच्छी-खासी रकम जमा कर ली थी। पढ़ाने के दौरान ही उसने एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी कर ली।मां खुश नहीं थी, उन्हें लगता … Read more

दुशासन को चीरहरण का मौका नहीं दूंगी। –   अर्चना खंडेलवाल 

“जिंदगी के रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है…ये लड़ाई मुझे अकेले लड़़नी है और जीती भी है। मैं ये कर लूंगी,अगर औरत ठान लें तो क्या नहीं कर सकती!!! देविका ने अपने आपको विश्वास दिलाया। जतिन की घटिया बातें देविका के मन-मस्तिष्क में कौंध रही थी, आज तक वो … Read more

हां, मैं अपनी बेटी के साथ रहती हूं – अर्चना खंडेलवाल 

मैं और मेरी दुनिया, हम तीन लोग थे। जीवन से सारी खुशियां हमने चुरा ली थी| साथ में रहते हंसते-हंसते, बस जीवन जी रहे थे| ऐसा लगता था पूरे जीवन भर हमें साथ रहना है, पर ऐसा नहीं होता है, एक-एक करके हम मिलते हैं तो बिछड़ते भी है। आशु मेरे पति, जिंदादिली से जीते, … Read more

तुम छोटी बहू से इतना क्यूं जलती हो?? – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे !! ये क्या अभी तो मैं गैस धीमी करके गई थी और ये किसने तेज कर दी, सब्जी ही जल गई, मोना का चेहरा रोने जैसे हो गया, उसने बड़े मन से सब्जी बनाई थी पर सारी फेंकनी पड़ी, वो दूसरी सब्जी बनाने जा रही थी कि हेमा जी … Read more

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