मत जाओ प्लीज ! – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

सागर ने नया जॉब नोएडा में ढूंढा था । आज कोलकाता से नोएडा जाने के लिए अपनी पत्नी पंखुड़ी के साथ निकल चुका था । साथ में सागर का छोटा भाई राहुल और बहन राशि भी थे ।  सागर पंखुड़ी की शादी के चार साल हो गए थे, अभी तक कोई बच्चा नहीं था । … Read more

समोसे वाली दोस्ती – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

सलोनी ने फोन उठाते हुए हेलो किया । वही चहकती, खिलखिलाती पहचानी सी आवाज़ लगी । आवाज़ थोड़ी कट रही थी  और फोन भी कट गया । इत्मिनान होकर भी वह घर के अनसुलझे कामों में ब्यस्त होकर सोच नहीं पाई की आवाज़ किसकी थी । इतनी ही देर में दुबारा फोन आ गया । … Read more

बड़ी बहू – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“अम्मा नहीं रहीं अपर्णा भाभी ” ! सीमा की रूखी मगर झकझोर देने वाली आवाज़ सुनकर अपर्णा  के मन में ससुराल के प्रति दायित्व हिलोरें ले रहा था लेकिन कोई उचित राह दिखाने वाला नहीं था । अपने ऊपर लगे हुए आरोप – प्रत्यारोपों , लांछन सबको दरकिनार करते हुए वह दोनों बेटियों को लेकर … Read more

जीवनदान – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

जीवन में गरीबी के कारण बहुत संघर्ष झेले उसने पर कठिन परिस्थितियों से निजात पा ही लिया । एक सप्ताह बाद शादी को पाँच साल होने वाले थे । पर घर में कोई उत्साह ही नहीं था । उसका नाम था मनोरमा ।  जहाँ जिस कोने में जाती हर किसी के दिल में एक अमिट … Read more

आने वाले का क्या कसूर – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

बहुत सुस्त और गमगीन सा माहौल लग रहा था । घर – आँगन सजे हुए होकर भी मायूसी की कहानी कह रहे थे , अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था । न जाने इतने रौनक वाले घर से हँसी ठिठोली अचानक कहाँ गायब ।प्रभात जी ने रिटायरमेन्ट से पहले ही इस घर को बड़े शौक … Read more

दूर होने का कारण – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“रूबी …सो रही थी क्या बेटा ? माफ करना मैंने उठा दिया ।दरअसल चाईबासा वाली कंचन चाची हैं न उन्हें कुछ काम से दिल्ली आना है तो वो तुम्हारे यहाँ भी आना चाह रही थीं , मैंने बोल दिया हाँ चली जाओ, किसी और के घर क्यों रुकना है जब मेरी बहु रूबी वहाँ है … Read more

आदर्श सास – बहू की मिसाल – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

 विदाई की घड़ियाँ नजदीक आ रही थीं । तनु विशाल की ओर मुख करके कभी उसे पढ़ने की कोशिश करती तो कभी अपना सजा – सलोना रुप देखकर मचलती । ऐसा नहीं है कि  तनु को विशाल ने पसन्द किया था । पसन्द तो पहले घरवालों ने ही किया था बस उनकी पसन्द पर विशाल … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

खुद के लिए जिऊंगी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

पिता की मृत्यु के बाद सभी भाई – बहनों में वर्षा ही थी जो घर को सहारा देकर परिवार की बागडोर सम्भाल सकती थी । चार भाई बहनों में वर्षा दूसरे नम्बर पर थी उससे बड़ी निशा थी फिर दो छोटे भाई  महेश और मनीष । पिताजी  ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजारा करते थे ।उससे ही … Read more

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