आदर्श सास – बहू की मिसाल – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 60

 विदाई की घड़ियाँ नजदीक आ रही थीं । तनु विशाल की ओर मुख करके कभी उसे पढ़ने की कोशिश करती तो कभी अपना सजा – सलोना रुप देखकर मचलती । ऐसा नहीं है कि  तनु को विशाल ने पसन्द किया था । पसन्द तो पहले घरवालों ने ही किया था बस उनकी पसन्द पर विशाल … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 49

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 38

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

खुद के लिए जिऊंगी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 59

पिता की मृत्यु के बाद सभी भाई – बहनों में वर्षा ही थी जो घर को सहारा देकर परिवार की बागडोर सम्भाल सकती थी । चार भाई बहनों में वर्षा दूसरे नम्बर पर थी उससे बड़ी निशा थी फिर दो छोटे भाई  महेश और मनीष । पिताजी  ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजारा करते थे ।उससे ही … Read more

ससुराल ऐसा ही होता है – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 40

आज  इतवार था ।सुबह उठकर चाय ही बनाने जा रही थी कि फोन बज उठा । देखा तो मम्मी जी का फोन था । मन में अनेकों पुरानी बातें घूमने लगी..हमारी बातें तो काफी समय से बंद है तो आज क्यों कॉल आ रहा  , सब ठीक तो होगा ? खैर ..सवालों को अपने दिमाग … Read more

कलंकित रिश्ता – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104818.633

संध्या ने चीखते हुए कहा..”बस कर अंशिका ! कुछ भी बोलती रहती है, जब देखो तब चाचू की शिकायत करती रहती है । एक तो तेरे चाचू नहीं हैं कोई ,ऊपर से ये पवन चाचू तेरे पापा के ममेरे भाई ! हमारे पड़ोसी होने के साथ – साथ तुम्हें पढ़ाने में भी कितनी मदद करते … Read more

स्नेहसूत्र – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 46

 मायका ! इस नाम का एहसास ही इतना सुखद होता है न कि नाम सुनते ही अधरों पर मुस्कान और दिल में एक उमंग छा जाती है । पर कविता की किस्मत विधाता ने जाने किस कलम से रची थी। उसके  हिस्से में शादी के बाद कभी मायका सुखद एहसास लेकर आया ही नहीं । … Read more

मंझली भाभी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104905.495

शानदार घर की बेटी थी चंपा पर शान-ओ- शौकत नहीं मिली उसे कभी ।उसके पापा का शहर में बहुत नाम था  पर ईश्वर ने रुप देने में कंजूसी कर दी थी जिसकी मार का शिकार हुई वो…। गमले में पानी डालकर  चंपा  मंझली भाभी के आने का इंतज़ार कर रही थी ।  मंझली भाभी मायके … Read more

अहो भाग्य – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 69

दूसरी बार सुलेखा ने आज बेटी को जन्म दिया । शायद विधाता की यही मर्जी थी । ये आखिरी मौका था और कहीं एक उम्मीद भी थी कि शायद अब बेटी के बाद बेटा ही होगा । पर डॉक्टर ने जुड़वा बिटिया को  दिखाकर भरम तोड़ दिया । सुलेखा के पति माधव तो दुःखी हो … Read more

बिन मांगे मोती मिले – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 40

आज सुबह – सुबह अखबार खोलते ही  जिस फोटो को देखी नज़रें जैसे चुंधिया सी गई और दिल – दिमाग शंकाओं से घिर आया । बहुत कुछ बदल गया था इन पाँच सालों में । बड़े असमंजस में थी वही मीरा आंटी हैं जिन्हें मैं जानती हूँ या उनकी हमशक्ल हैं । लेकिन मीरा आंटी … Read more

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