बुआ दादी की पोटली – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

इस बार ये पहला मौका है जब भाभी की अनुपस्थिति में मायका जाने का मौका मिलेगा । पाँच साल हो गए सुमित्रा भाभी को गुजरे हुए तब से इस बार भाभी के पोते की शादी में जाने का निमंत्रण आया है । जाना तो पड़ेगा ही, भतीजे की शादी के बाद ये पहला मौका होगा … Read more

अनुपमा आंटी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“आज सत्रह साल बाद फिर से  मेरे पति का वहाँ  तबादला हुआ है । हाँ ! ये वही जगह है जहाँ हमारे और बच्चों की कितनी यादें जुड़ी हैं । अनुपमा  बैठे – बैठे बुदबुदा रही थीं ।  जैसे ही गाड़ी पर बैठी बीजपुर की मीठी  यादें मन में हिलोरे लेने लगीं । हालांकि कम … Read more

खुशहाल गृहस्थी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

छत पर धूप की तरफ अचार की बरनी रखकर अवन्तिका ने बड़ी और पापड़ बनाने की तैयारी शुरू कर दिया । तभी अनिता जी ने छत पर पहुँचकर देखते हुए कहा..ये क्या बहु ? इतने कम क्यों बना रही है , इतने में क्या होगा? दस दिन बाद होली है । इतने तो हमारे घर … Read more

मत जाओ प्लीज ! – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

सागर ने नया जॉब नोएडा में ढूंढा था । आज कोलकाता से नोएडा जाने के लिए अपनी पत्नी पंखुड़ी के साथ निकल चुका था । साथ में सागर का छोटा भाई राहुल और बहन राशि भी थे ।  सागर पंखुड़ी की शादी के चार साल हो गए थे, अभी तक कोई बच्चा नहीं था । … Read more

समोसे वाली दोस्ती – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

सलोनी ने फोन उठाते हुए हेलो किया । वही चहकती, खिलखिलाती पहचानी सी आवाज़ लगी । आवाज़ थोड़ी कट रही थी  और फोन भी कट गया । इत्मिनान होकर भी वह घर के अनसुलझे कामों में ब्यस्त होकर सोच नहीं पाई की आवाज़ किसकी थी । इतनी ही देर में दुबारा फोन आ गया । … Read more

बड़ी बहू – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“अम्मा नहीं रहीं अपर्णा भाभी ” ! सीमा की रूखी मगर झकझोर देने वाली आवाज़ सुनकर अपर्णा  के मन में ससुराल के प्रति दायित्व हिलोरें ले रहा था लेकिन कोई उचित राह दिखाने वाला नहीं था । अपने ऊपर लगे हुए आरोप – प्रत्यारोपों , लांछन सबको दरकिनार करते हुए वह दोनों बेटियों को लेकर … Read more

जीवनदान – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

जीवन में गरीबी के कारण बहुत संघर्ष झेले उसने पर कठिन परिस्थितियों से निजात पा ही लिया । एक सप्ताह बाद शादी को पाँच साल होने वाले थे । पर घर में कोई उत्साह ही नहीं था । उसका नाम था मनोरमा ।  जहाँ जिस कोने में जाती हर किसी के दिल में एक अमिट … Read more

आने वाले का क्या कसूर – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

बहुत सुस्त और गमगीन सा माहौल लग रहा था । घर – आँगन सजे हुए होकर भी मायूसी की कहानी कह रहे थे , अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था । न जाने इतने रौनक वाले घर से हँसी ठिठोली अचानक कहाँ गायब ।प्रभात जी ने रिटायरमेन्ट से पहले ही इस घर को बड़े शौक … Read more

दूर होने का कारण – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“रूबी …सो रही थी क्या बेटा ? माफ करना मैंने उठा दिया ।दरअसल चाईबासा वाली कंचन चाची हैं न उन्हें कुछ काम से दिल्ली आना है तो वो तुम्हारे यहाँ भी आना चाह रही थीं , मैंने बोल दिया हाँ चली जाओ, किसी और के घर क्यों रुकना है जब मेरी बहु रूबी वहाँ है … Read more

आदर्श सास – बहू की मिसाल – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

 विदाई की घड़ियाँ नजदीक आ रही थीं । तनु विशाल की ओर मुख करके कभी उसे पढ़ने की कोशिश करती तो कभी अपना सजा – सलोना रुप देखकर मचलती । ऐसा नहीं है कि  तनु को विशाल ने पसन्द किया था । पसन्द तो पहले घरवालों ने ही किया था बस उनकी पसन्द पर विशाल … Read more

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