पैसों का मोह – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

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रमेश और दीपक बचपन से गहरे दोस्त थे। दोनों पढाई करके कुछ बन न पाए। तो उन्होंने सोचा क्यों न साथ काम शुरू किया जाए। उन्होंने बहुत से बिजनेस के बारे मोबाइल में, कभी आपसी व्यवहार के लोगों से संपर्क के बाद सोचा क्यों न कपड़े का व्यापार शुरू किया जाए। इसमें डबल कमाई होती … Read more

बुआ भी बहन से कम नहीं भैया… – अमिता कुचया  : Moral Stories in Hindi

New Project 96

आज सुबह से माही के आने की तैयारी चल रही थी। कभी सोनल अपने पति सुमित कहती- देखोजी दीदी के आने पर हमें कोई कमी न रखने है। साल में एक बार ही तो राखी का त्योहार आता है, तब सुमित कहता है क्या मैं कहीं कोई कमी रखता हूं! सोनल तू बता न…क्या लाना … Read more

” हक ” – अमिता कुचया  : Moral Stories in Hindi

New Project 87

सीमा ही बहुत ही खुश थी कि उसके मम्मी पापा की पचासवीं शादी की सालगिरह है वह बड़ी ही कश्मकश में थी कि पापा मम्मी के लिए क्या ले जाए। पापा मम्मी ने जीवनभर हर इच्छा पूरी की है। घर में भाई भाभी की शादी की सालगिरह मनाने की तैयारी कर रहे थे। वह शादी … Read more

एहसान – अमिता कुचया   : Moral Stories in Hindi

New Project 91

सोमी की गरमी की छुट्टी हुए काफी दिन हो गये थे। वो मामा के यहाँ जाना नहीं चाहती थी। उसे बुआ के यहाँ जाना अच्छा लगता था, वो जब भी जाती तो दो चार दिन के लिए ही जाती थी। इस बार भाभी की बेटी मौली के साथ खेलना था, वो दो साल की थी, … Read more

ओछी सोच….. – अमिता कुचया   : Moral Stories in Hindi

New Project 47

शाम का समय था एकदम से रजनी को आया देख मां बहुत खुश हुई ,तब रजनी से आश्चर्य से पूछा -अरे रजनी न फोन, न कोई मैसेज आज अचानक आना कैसे हुआ! तब रजनी बोली -“मां मैनें मौसी जी से भैया की तबियत का सुना तो मुझसे रहा न गया मुझे तो शादी में आना … Read more

देहरी – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

New Project 77

राखी का त्यौहार आना हो या कोई अन्य त्यौहार शकुन्तला जी अपनी बहू के पीछे पड़ जाती थी ,रोशनी देखो त्यौहार की रंगत तो कोई को घर के द्वार की देहरी से ही समझ आती है। तब रोशनी कहती- मम्मी आप की तो पीछे पड़ने की आदत है। आप चिंता न करो हमें पता है … Read more

धोखे से मिला सबक – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

New Project 55

शैली आज मायके जा रही थी। वहीं  उसकी जेठानी का भी मायका था ।वो सोचने लगी भाभी के साथ चली जाऊं। उसने अपने पति से पूछा -“मैं अपनी भाभी के साथ मायके चली जाऊं? मेरी भतीजी निया का आज बर्थडे है, वो मेरे अचानक पहुंचने बहुत खुश होगी कि बुआ ने आज सरप्राइज़ दे दिया।भाभी … Read more

सासु बिना ससुराल – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

New Project 34

आज के समय में सब लड़कियों के अरमान होते हैं।कि ससुराल बहुत अच्छा मिले।परिवार भी छोटा हो। ऐसा ही सोचकर नीलू के माता-पिता ने उसकी शादी कर दी, सब ननदों की शादी हो गई है। लड़कों में सबसे छोटा बेटा दामाद ही है ।बड़े भाई अलग रहते हैं ,कोई दिक्कत नहीं होगी। सबसे छोटा बेटा … Read more

आपसी तालमेल – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

New Project 57

आज रैना की बिटिया रो रही थीं।तभी उसकी सास कमरे से निकलते ही बोली- ” रैना बहू तेरा ध्यान किधर रहता है? एक तो मेरी मुनिया बिटिया रो रही है और इधर दूध की नदिया बहा दी। “ तब रैना ने कहा- “मम्मी जी मेरी बहन का फोन आ गया।तो ध्यान से निकल गया और … Read more

दूरियां दिलों की मिटाना है – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

रेनू मां मां ••••चिल्लाते हुए अंदर‌ आई बोली मां मैं आ गई ••• अरे मेरी प्यारी मीसा बेटू कहां है •••रेनू के कहते ही तब उसकी मां बोली- “अरे बेटा चैन की सांस लेकर थोड़ी बैठ तो जा …और चाय ,पानी पी ले। फिर बुला लेना।” हां- हां मां मैं पानी पी लूंगी।और चाय भी … Read more

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