कुबेर सखा – एक मसीहा ” रीमा महेंद्र ठाकुर
आबादी से दूर एक कुटिया नजर आ रही थी! संध्या बेला, सुमन अपनी नन्ही बिटिया,श्रमिका की ऊंगली थामे कुटिया की ओर बडे बडे डग भरती, अंधेरा होने से पहले पहुंचने की चेष्टा कर रही थी! गुरु जी ने सूरज ढलने से पहले उसे बुलाया था! यदि देर हो गई तो श्राप भी दे सकते है, … Read more