“पिया ,मोसे छल किए जाए” – सुधा जैन

 मैं एक नारी सब कुछ हारी  पर जीवन से ना हारी, सुनाती हूं अपने जीवन की दास्तान ….नाम नहीं लिखती ….कुछ भी कह सकते हो …।सलोनी… हां प्यारा सा नाम मेरा …अपने मम्मी पापा की लाडली बिटिया …मेरे बाद मेरी छोटी सी एक बहना और दो प्यारे से भाई…. मेरी मम्मी बहुत सहज ,सरल, प्यार … Read more

आशियाना – कमलेश राणा

आज फिर मकानमालिक से राधा की बच्चों को लेकर तू- तू, मै- मै हो गई,, उसका बेटा रोहन साइकल चला रहा था कि अचानक से जोर जोर से उसके रोने की आवाज़ सुनकर वह बाहर आई,,  अरे, क्या हुआ मेरे बच्चे को,, मम्मा, नील ने मुझे धक्का दे दिया,, अरे,, ये तो खून निकल रहा … Read more

“किरदार बदल गए” –  तृप्ति उप्रेती

“मासी मां, मां उठ गई” ऑफिस से आते ही कार्तिक ने माया से पूछा। “हां बबुआ, बस अभी ही उठी। मैंने पानी पिला दिया है। तुम हाथ मुंह धो लो,तब तक चाय बनाती हूं।” कार्तिक फटाफट कपड़े बदलकर मां के कमरे में पहुंचा। मां चुपचाप अपने साफ-सुथरे पलंग पर लेटी थीं। कार्तिक ने पास जाकर … Read more

बहू भी बेटी ही होती है – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

अपने इकलौते बेटे मनीष की शादी की तैयारीयों में सरोज जी इतना व्यस्त थी कि उन्हे अपनी भी सुध नही थी। बेटे की शादी में कोई कमी न रह जाए इसलिए बड़ी तन्मयता से हर चीज पर ध्यान दे रही थी। हंसते गाते सब काम निपटा रही थी। होने वाली बहू माही के लिए तो … Read more

त्याग या तपस्या – अर्चना कोहली “अर्चि”

दो महीने तक ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती नीरा दिल की धड़कन बंद हो जाने से हमेशा के लिए शांत हो गई। नीरा के निधन की खबर सुनते ही मोहित की आँखों में रुका हुआ सैलाब उमड़ पड़ा। फूट- फूटकर वह रो पड़ा। उसकी आँखों के सामने दो महीने पूर्व का मंजर घूम … Read more

ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा – डॉ. पारुल अग्रवाल

प्रिया आज जब शाम को  की आज शाम को टहल रही थी तो पीछे से किसी ने डॉक्टर प्रिया कह कर आवाज़ दी, प्रिया एकदम से चौंक गई क्योंकि कम ही लोग उसके नाम के आगे डॉक्टर लगाते थे। उसने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी ही सोसायटी में रहने वाली नीरजा थी।  औपचारिक बातचीत के … Read more

हैसियत – सविता गोयल

 ” हूंह… एक भी सामान ढंग का नहीं दे रखा जो हमारे घर में रखा जा सके।  कपड़े लत्ते भी ऐसे दिये हैं कि सारे रिश्तेदारों के सामने हमारी नाक कट गई।  हमने तो सोचा था सरकारी मास्टर की इकलौती बेटी है तो कम से कम ब्याह तो ठीक से करेंगे … लेकिन यहां तो … Read more

बेटी क्या औलाद नहीं-Mukesh Kumar

रूबी की शादी बड़ी धूमधाम से हुई.  अगले दिन वह अपने ससुराल पहुंची ससुराल पहुंचने पर उसका स्वागत उसके सास ने बहुत ही प्यार से किया ससुराल में उसका मान जान कुछ ज्यादा ही हो रहा था क्योंकि वह अपने सास की इकलौती बहू थी क्योंकि उसके पति मनोज का कोई भाई नहीं था। रूबी … Read more

शहीद की ब्याहता – नीतिका गुप्ता

ओ मेरी सोनिए,, देख तेरे लिए खास चूड़ियां लाया हूं… खास तौर पर अपने एक दोस्त से फिरोजाबाद से मंगवाई हैं.. ओहो अमन,, फिर से चूड़ियां ले आए.. कितनी बार मना किया इतनी सारी चूड़ियां ना लाया करो… दिखाओ आज क्या उठा कर लाए हो… मानवी ने अमन के हाथ से चूड़ियों का डब्बा लिया। … Read more

एक अजनबी दोस्त – डॉ पारुल अग्रवाल

अपराजिता एयरपोर्ट पर बैठी अपनी उड़ान का इंतजार कर रही थी। नितांत अकेली, बस कोई साथी था तो उसके मन में उठने कई सारे ख्याल। उसके दिमाग में कभी कुछ चलता,तो कभी कुछ। यहां कहने को तो वो अकेली थी पर ये अकेलापन शायद अब उसका सबसे अच्छा साथी था क्योंकि ये उससे कुछ सवाल … Read more

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