दहेज़ मांगना गलत है तो दहेज़ के झूठे मुक़दमे करना क्या है ? – संगीता अग्रवाल

पुलिस को सुबह सुबह घर आया देख सुरजीत जी चौक गए.. ” जी इस्पेक्टर …? ” उन्होंने दरवाजे पर आ पूछा! ” मेहुल यहीं रहता है ” एक पुलिस वाले ने रौबदार आवाज़ मे पूछा. ” जी बिल्कुल.. बताइये क्या बात है.. मैं उसका पापा सुरजीत हूँ ” सुरजीत जी ने शालीनता से जवाब दिया … Read more

 हक़ – विनय कुमार मिश्रा

मैंने ताई के घर की तरफ देखा। ताई नहीं थी।मैंने चैन की सांस ली। जब कभी मुझे बाहर निकलते देखती हैं।उन्हें कुछ ना कुछ बाजार से मंगाना ही होता है।कभी सब्जी, कभी दवा तो कभी दूध।तंग आ गया हूँ उनसे।जी तो चाहता है कभी सुना दूं कि खुद के बेटे को बाहर भेज दिया और … Read more

प्यार को जताना भी आना चाहिए – के कामेश्वरी

सुजाता आजकल उदास रहती है क्यों यह घर में कोई भी नहीं जान सका था । हमेशा कुछ न कुछ सोचती ही रहती है । पहले तो एक पल भी चुप नहीं रहती थी ।परिवार के लोग उनके सोने का इंतज़ार करते थे ,क्योंकि वह तब ही चुप रहतीं थी । अब उनके बोल सुनने … Read more

नेक शुरुआत… –   प्रीता जैन

डॉक्टर मेघा का ध्यान रह रहकर मेज पर रखी उस सोने की चेन पर जा रहा था जो थोड़ी देर पहले मिसेज जिन्दल पोता होने की खुशी में देकर गई थीं| सब कुछ इतना जल्दबाज़ी व अप्रत्याशित ढंग से हुआ कि मेघा समझ ही ना पाई क्या देकर जा रही हैं और ऐसा क्यों कर … Read more

 जीवन में पति के साथ ही खुशी न ढूंढ पाई !!! – अमिता कुचया

आज मौसम भी खुशगवार हो गया काफी उमस के बाद मौसम में ठंडक आ चुकी थी।  उसने बालकनी से  देखा बाहर काफी लोग टहल रहे हैं ,उसका मन भी हुआ। वो भी टहले।पर पहले उसे लगा कि  घर के काम पहले जरुरी है।वो कर लें। फिर उसने  देखा उसके पति ने सुबह से चाय पी … Read more

पानी – स्नेहज्योति

पानीबूँद-बूँद से बनता हूँरिश्तों सा निखरता हूँखुले आसमाँ से जबख्वाहिश बन बरसता हूँतो बंजर पड़े अरमानो कोपलभर में गुलजार कर देता हूँसबके चेहरे पर एक उत्साहभीनी सी मुस्कुराहट छोड़ देता हूँमैं पानी हूँ सबसे जुड़ी कहानी हूँजो कल था आज हूँपर कल किसके पास हूँना तेरा हूँ ना उसका हूँसबका कतरा-कतरा हूँआम सही पर ख़ास … Read more

मेरी बेटियां मेरा अभिमान –

“क्यूं रे सुरेसवा !इन छोरियों को पढ़ा लिखाकर कलेक्टर वनावेगा क्या?टैम रहते ब्याह दे ना तो कोई दिन नाक कटवा कै हाथ मैं धर दैंगी!फिर ना कहियो अम्मा ने समझाया ना था”सुरेश की अम्मा को पोतियों का स्कूल जाना एक आँख नहीं भाता था।सुरेश हंसकर अम्मा की बात को टालता सा बोला“मेरे घर की शान … Read more

उम्मीद की किरण: लेडी सिंघम किरण सेठी

लिंग-भेद हमारे समाज का एक ऐसा चलन है,जो इस 21वी सदी में भी समाप्त नहीं हो रहा, आज भी लड़कियों पर कई तरह की पाबंदियां  लगाई जाती हैं। उनको घर से शाम ढलते ही कहीं जाना हो तो बोला जाता है कि अकेले मत जाओ,पापा या भाई में से किसी को साथ लेकर जाओ। अब … Read more

एक अनूठी प्रेम कथा – आरती झा आद्या

बस मुझे मेरे धवल से मिलवा दो। उसे मेरे पास ले आओ ना..उनहत्तर वर्षीय सविता खन्ना बिछावन पर लेटे लेटे बच्चों सी बोली में बड़बड़ा रही थी।  बिछावन के बगल में बैठे डॉक्टर मित्तल और ब्रिगेडियर एक दूसरे को बुझी बुझी नजरों से देख रहे थे। ब्रिगेडियर साहब.. कौन है ये धवल… डॉक्टर मित्तल पूछते … Read more

माँ ने सिखाया – रिंकी श्रीवास्तव

ये क्या बहु ..!! तुम बिना घूँघट  किये  बाहर से चली आ रही हो ,सारे मोहल्ले वाले देखेंगे  तो  क्या सोचेंगे  ,हमारी इज्जत का  जरा भी ख्याल नही है तुम्हे …!!  हमारे खानदान मे  बहुएँ   बिना  घूँघट  बाहर नही  निकलती   कितनी बार समझाया है तुम्हे  पर तुमने तो   सास  की बात न  … Read more

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