मैं इस घर की बहू हूँ नौकरानी नहीं : Short Moral Stories in Hindi

New Project 6

Short Moral Stories in Hindi : सारिका बचपन से ही होनहार थी देखने में तो सुंदर थी ही साथ ही  उसे स्टाइलिश कपड़े पहनना भी पसंद था वह अपने आपको हमेशा स्टाइल में ही रखती थी  वह बड़ी होकर फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी।   पिता को यह सब चीजें पसंद नहीं था उनका मानना यह … Read more

मां और माफी – गीतू महाजन  

New Project 45

जानकी देवी के पार्थिव शरीर से लिपटे हुए जतिन बाबू की चीखों से सारे गांव के लोगों की आंखों से आंसुओं की अविरल धारा बह रही थी।सारा गांव जानता था कि जतिन बाबू के दिल पर इस वक्त क्या बीत रही होगी।जतिन बाबू बार-बार एक ही बात दोहराते जा रहे थे,”मां, मुझे माफ कर दो…मुझे … Read more

ज़िंदगी के रंग – ऋतु अग्रवाल

New Project 46

 ” माँ! इधर आओ ना।” मंजरी ने पूरे घर में शोर मचा रखा था।       “क्या बात है? पूरा घर सिर पर उठा रखा है।” आशा साड़ी के पल्लू से हाथ पोंछती हुई बाहर आई तो मंजरी ने उसे पकड़कर गोल गोल घुमा दिया।         “अरे! रुक तो! मुझे गिराएगी क्या? पगली!”आशा ने मंजरी को डपटा तो … Read more

आज मैं ऊपर, आसमां नीचे – सुषमा यादव

New Project 45

जिंदगी के रंग कई हैं, कभी वो हंसाती है तो कभी रुलाती है। सच में ये जिंदगी क्या, क्या तमाशे दिखाती है। कभी अर्श से फर्श पर पटकती है तो कभी फर्श से अर्श पर ले जाती है,, जी हां, जिंदगी इम्तिहान लेती है, मेरे स्कूल की बहुत ही बेहतरीन शिक्षिका और मेरी छोटी बहन … Read more

जब आए संतोष धन….!! – मीनू झा 

New Project 44

उसे जो कुछ मिला था जिंदगी में उसमें वो खुशी नहीं ढूंढ सकी… क्योंकि और ज्यादा और ज्यादा का लालच उसके दिलों दिमाग पर काबिज़ था…वो तो रूकने को तैयार ना थी पर जिंदगी को तो रूकना था ना! निशा की सबसे प्यारी दोस्त विजया की भाभी ने विजया के बारे में पूछने पर बताया,जो … Read more

जिंदगी – आरती झा आद्या

New Project 43

तो हम क्या कर सकते हैं। हमलोग भी इंसान हैं, भगवान नहीं। पैसे नहीं हैं तो सरकारी अस्पताल में जाइए…अमरनाथ हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर अमर मरीज के तीमारदारों पर चिल्ला रहे थे। डॉक्टर साहब…सरकारी अस्पताल बहुत दूर है। कुछ कीजिए डॉक्टर साहब। मेरे बेटे का बहुत खून बह गया है। मर जाएगा मेरा बेटा… एक … Read more

अपनापन – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

 शाम गहराती जा रही थी। ऑफिस में ज्यादा काम होने के कारण आज मुझे बस स्टैंड पहुँचने में देरी हो गई थी। चिंता और भय के कारण पसीना बूंद बनको मेरे माथे से टपक रहा था। धीरे-धीरे स्टैंड लोगों से खाली होने लगा था। मुझे अकेली खड़ी देख चार पांच गाड़ी वाले पूछ चुके थे … Read more

बूढ़ी घोड़ी, लाल लगाम – सोनिया कुशवाहा

best family story

“बहन जी देखा आपने अंजू को?” मिसेज़ कुमार ने मिसेज़ सक्सेना से पूछा। “हद हो गई भई, दोनों बेटियों की शादी क्या हुई ये दोनों मिया बीवी को तो पर ही लग गए। जमीन पर पैर ही नहीं टिकते इनके। ना शर्म है ना उम्र का लिहाज।” इस बार  मिसेज़ पांडेय ने जुमला उछाला। “छोड़ो, … Read more

दो कुँवारे हुए एक – संगीता अग्रवाल

dadaji

“अरे यार ये गाड़ी के ब्रेक क्यो नहीं लग रहे लगता है आज तो यमराज से साक्षात् दर्शन होंगे !” रागिनी स्कूटी चलाते हुए बड़बड़ाई। ” ओ मैडम , मैडम देख क…!” इससे पहले की सामने से आती गाड़ी मे बैठे शख्स का वाक्य पूरा होता रागिनी की स्कूटी एक पेड़ से टकरा गई और … Read more

कौन अपना कौन पराया – वक्त ने बताया –  गीता वाधवानी

New Project 59

शिखा घर की सबसे छोटी बहू थी। उसकी तीन जेठ जेठानियां और पांच विवाहित ननंदे थीं। शिखा के पति विशाल घर में सबसे छोटे थे। इन दोनों का एक 10 वर्षीय बेटा था-खुश।        शिखा के सबसे बड़ी ननद के पोते की सगाई का समारोह था। ऐसे समारोह में सबका जाना बनता ही है, लेकिन इस … Read more

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