घोंसला –   : Moral Stories in Hindi

“आखिर प्रॉब्लम क्या है तेरी सुनीता, इतना बड़ा घर, दौलत का ढेर, चार चार नौकर, आखिर एक लड़की को और क्या चाहिए शादी के बाद अपनी ज़िंदगी में..?” काफी अरसे के बाद मिली सुनीता की सहेली आशा ने सुनीता को उदास देखकर उससे सवाल किया। “आशा तू कह रही थी कि पिछले हफ़्ते तेरी बीमारी … Read more

निर्णय –   : Moral Stories in Hindi

कविता की शादी पर उसकी सबसे खास और प्यारी सहेली माला को काफी उपेक्षापूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा था। उसके गहरे रंग को लेकर कविता के सभी ससुराल वालों ने उस पर खूब फब्तियां कसी थी और आज कविता की असमय हुई मौत के बाद जब उसके दो छोटे बच्चों और पति की जिम्मेदारी … Read more

चुप्पी कब तक – शालिनी दीक्षित

अरे बेटा इसमे नींबू पानी क्यों ले आई यह तो वाइन के ग्लास है?” “ओके मम्मी जी अभी चेंज कर लेती हूँ……..” स्नेहा ने अपनी सास से कहा। स्नेहा की सासू माँ अपनी किटी पार्टी की एक सहेली के साथ बैठी बातें कर रही थी, आज दोनों का नींबू पानी पीने का मन था। स्नेहा … Read more

“सलाह” – कनार शर्मा: hindi stories with moral

hindi stories with moral : अरे बहू कहां चली? नाश्ता कौन बनाएगा? सुबह-सुबह अपनी बहू को बैग उठाकर घर से बाहर जाता देख सास वसुंधरा जी बोली।  मांजी आप और आपके बेटे ने मुझे घर की नौकरानी समझ रखा है। मैं बहू हूं इस घर की कामवाली बाई नहीं जो दिन रात आप लोगों के … Read more

अपेक्षाओं से आजादी – छवि गौतम : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” भईया पतो ना काई काम में इतनी बिज्जी रहवे तेरी बहू ; के बालको को टाइम से रोटी भी ना दे सके । सबरे दिन बालक यूं ही भूखे इधर से उधर डोले”, । कम से कम बालको का तो ध्यान रखना चाहिए बस ब्रेड खिला खिलाकर फूल से … Read more

“खुली आँखों के ख्वाब” – सुषमा तिवारी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : जिंदगी की हर सुबह अपने साथ कुछ शर्तें लेकर आती है। तय कर लो तुम्हें अंधेरे पर विजय प्राप्त कर उजाला फैलाना है या आने वाले अंधेरे के डर से छुप कर बैठना है। “एक बार फिर सोच लो बेटा!” राम सुमेर कुर्सी पर बैठते हुए बोले। वहीं उनकी पत्नी … Read more

अहंकार पिघलने लगा – अर्चना कोहली ‘अर्चि : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : रीमा को अपने अंग्रेज़ी ज्ञान पर बहुत अहंकार था। इसी कारण वह किसी का भी अपमान कर देती थी। हिंदी-भाषियों के लिए उसके मन में बहुत कटुता थी। इसी कारण जब उसके देवर समीर ने हिंदी की प्रोफ़ेसर सौम्या से विवाह करने की इच्छा जताई तो घमंड से वह बोल … Read more

मैं इस घर की बहू हूँ नौकरानी नहीं : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : सारिका बचपन से ही होनहार थी देखने में तो सुंदर थी ही साथ ही  उसे स्टाइलिश कपड़े पहनना भी पसंद था वह अपने आपको हमेशा स्टाइल में ही रखती थी  वह बड़ी होकर फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी।   पिता को यह सब चीजें पसंद नहीं था उनका मानना यह … Read more

मां और माफी – गीतू महाजन  

जानकी देवी के पार्थिव शरीर से लिपटे हुए जतिन बाबू की चीखों से सारे गांव के लोगों की आंखों से आंसुओं की अविरल धारा बह रही थी।सारा गांव जानता था कि जतिन बाबू के दिल पर इस वक्त क्या बीत रही होगी।जतिन बाबू बार-बार एक ही बात दोहराते जा रहे थे,”मां, मुझे माफ कर दो…मुझे … Read more

ज़िंदगी के रंग – ऋतु अग्रवाल

 ” माँ! इधर आओ ना।” मंजरी ने पूरे घर में शोर मचा रखा था।       “क्या बात है? पूरा घर सिर पर उठा रखा है।” आशा साड़ी के पल्लू से हाथ पोंछती हुई बाहर आई तो मंजरी ने उसे पकड़कर गोल गोल घुमा दिया।         “अरे! रुक तो! मुझे गिराएगी क्या? पगली!”आशा ने मंजरी को डपटा तो … Read more

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