मम्मी – सोनाली श्रीवास्तव

रात को सोते सोते अचानक फिर अपने गाल पर मम्मा के हाथ का स्पर्श महसूस किया वहीं नरम गुदगुदी मोटे से हाथ वही गर्माहट वही रेशम आंखों से आंसू अपने आप बह निकले। मानों वह  बस हमेशा यूं ही तैयार रहते हैं बरसने के लिए।   पूरे 569 दिन हो चुके हैं मां को गए  पर … Read more

और तूफान थम गया – नीरजा कृष्णा #लघुकथा

उनके घर में आज बहुत खुशी का माहौल था। उनके छोटे भाई आमोद का विवाह था। माता पिता की अकाल मृत्यु के पश्चात वो और उनके सह्रदय पति विशाल जी ने छोटे से आमोद को गले से लगा लिया था…अब वोही दोनों उसके माँ बाप बन गए थे….उन्होनें उसे दिल से अपनाया था। उसके प्रति … Read more

 बड़ी बहन – प्रीती सक्सेना

आज मेरी शादी है, बारात आने का समय हो चला है, सारे रिश्तेदार आ चुके हैं , मम्मी पापा, भाई सब बहुत ज्यादा व्यस्त हैं, मैं भी आने वाली खुशियों के इंतजार में बहुत खुश भी हूं, और डरी हुई भी, नया घर, नए लोग, नया परिवेश पता नहीं सब कैसा होगा।   अचानक जोर जोर … Read more

अपने बच्चों को ऐसे अंकलों से बचाइए – संगीता अग्रवाल

चार साल की नन्ही टिया भागते हुए अपने प्यारे रवि अंकल की गोद में आकर बैठ गई…रवि अंकल ने भी जेब से चॉकलेट निकाली और टिया को गाल पर किस्सी करने का इशारा किया टिया ने भी झटपट किस्सी कर दी। पर ये क्या अंकल ने जल्दी से चेहरा घुमा लिया और गाल की जगह … Read more

बैरी पिया (भाग दो ) -अनुपमा

भाग एक अब तक आपने पढ़ा की सुरजीत की शादी राजवीर से हो जाती है और राजवीर कनाडा वापिस चला जाता है वहां से कुछ दिन तक तो लगातार संपर्क मैं रहता है परंतु वो सुरजीत को कनाडा ले जाने की बात को हमेशा टालता ही रहता है और धीरे धीरे राजवीर के फोन आने … Read more

मैं नहीं मरूँगी – प्रीती सक्सेना

आज रिजल्ट आने वाला है, जल्दी से सायबर कैफे जाकर, देखूं, कितने नंबर आए हैं, अच्छा कॉलेज मिलेगा कि नहीं, हे भगवान साथ देना, खूब अच्छे नंबर आएं मेरे, वरना क्या करुंगी मैं, कैसे मम्मी पापा को चेहरा दिखाऊंगी मैं, गवर्नमेंट कॉलेज नहीं मिला, तो पापा बड़ी भारी फीस कैसे भर पाएंगे, बेचारी मम्मी गिनी … Read more

बैरी पिया

सुरजीत के लिए लड़का देखना चालू कर दो  अब तो उसका कॉलेज भी पूरा हो गया है और उसका बेकिंग का काम भी किन्ना सोणा चल रहा है । मंजीत ने अपने पति से जब ये कहा तो मिस्टर कुकरेजा सोच मैं पड़ गए ,इकलौती कुड़ी है सुरजीत उनकी कितने नाजों से पालपोस के बढ़ा … Read more

मुझे भी जीना है! – रीमा महेंद्र ठाकुर 

कार दरवाजे पर आकर खडी हो गयी थी, कला का मन बार बार उधर ही जा रहा था! नयी बहू आयी थी “ पर वो खुद को रोके हुए थी! वजह उसका विधवा होना, अंश उसका इकलौता बेटा था! नीचे बहू परछन की तैयारी हो रही थी! बड़ी ननद ने सारा जिम्मा लिया था और … Read more

चाय की अंतिम प्याली – अनिता वर्मा

ऐसा नही है कि पहली बार पत्नी “स्वाति”के बिना  अकेले सो रहा था कई बार ऑफिस के काम से बाहर जाता था पर आज पहली बार ,अपने  शयनकक्ष  मे अकेले सो रहा था रात के 2 बज गए थे पर गौरव की आँखों मे नींद का पता ही नही था । सोचता रहा ना जाने … Read more

सहारा – अनुपमा

आभा का फोन बार बार बजता ही जा रहा था , मीटिंग मे  थी और फोन साइलेंट पर , उसे कुछ पता ही नही चला । मीटिंग के बाद जैसे ही आभा ने अपना फोन चेक किया वो परेशान हो गई , इतने सारे मां के मिस कॉल आखिर क्या हो गया? मां को वापिस … Read more

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