मेरे पापा – प्रीती सक्सेना

पहली बार अपने पापा के के लिए कुछ लिखने जा रही हूं,, मेरे पापा,, श्री बी. पी. सक्सेना,, एक ईमानदार, कर्तव्य निष्ठ, अफसर थे,,, बहुत ज्यादा शांत,,, सरल,, व्यवहार था पापा का,, उनकी दुनियां,, बस कलेक्ट्रेट तक जाना और लौटकर,,, एक बार अपने सभी बच्चों से मिलना, पढाई का पूछना,, बस यहीं तक सीमित  था,, … Read more

औरत की जीवन व्यथा – अनुपमा

इस चित्र के माध्यम से मैं आपको एक स्त्री होना क्या होता है कुछ शब्दों के माध्यम से बतलाना चाहती हू ,जो भी मैं लिखूंगी और जो औरतें महसूस करती है या यूं कहे की अपने जीवनकाल में वो सबकुछ भोगती है क्योंकि वो एक स्त्री है , शब्दों मैं शायद कुछ कमी रह जाए … Read more

जीने की राह – सुषमा यादव

,,, मैं अपनी बेटी के पास इस समय दिल्ली में हूं ,,, मैं खाना बनाना अपने हाथ से ही पसंद करती हूं,,पर इस समय मैं कोई काम नहीं कर सकती,, इसलिए खाना बनाने वाली को रखा गया है,,, मैंने देखा कि,, वो अक्सर ही काले, सफ़ेद,सूट पहन कर आती है ,उसका नाम बेबी है और … Read more

मायके से ज्यादा प्यारा है ससुराल – संगीता अग्रवाल

” बेटा ये भारी भरकम कपड़े उतार कर ये सूट पहन लो !” अपने कमरे में सकुचाई बैठी कुछ घंटों पहले की दुल्हन शीना को उसकी सास कामिनी जी एक सूट पकड़ाते हुए बोली। ” मम्मी जी ये मैं कैसे !!” शीना असमंजस में बोली। उसे मम्मी की कही बात याद आई कि ससुराल में … Read more

चश्मा – गुरविन्दर टूटेजा

कॉलोनी में बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे व थोड़ी दूर लगी बैंच पर कुछ बुजुर्ग बैठे बातें कर रहे थे…!!! तभी अचानक से गेंद आयी और गौरव के दादाजी के चश्में पर लगी और चश्मा गिरकर टूट गया…!!! गौरव व अन्य बच्चे सहमे से खड़े होकर देखने लगे…!!!! दादाजी ने बोला…कोई बात नही बच्चों….तुमसे गलती … Read more

अपने जन्म दाताओं का ध्यान रखो। – संगीता अग्रवाल

” मां ये क्या आप परी की प्लेट से पकौड़े खा रही हैं हद है आपकी भी डॉक्टर ने तला हुआ मना किया भूल गई !” प्रदीप अपनी मां शांति जी पर चिल्लाया। ” पापा आप दादी पर क्यों चिल्ला रहे हैं उन्हें पकौड़े मैं ही देकर गई थी आपको पता नही है क्या दादी … Read more

मम्मी – सोनाली श्रीवास्तव

रात को सोते सोते अचानक फिर अपने गाल पर मम्मा के हाथ का स्पर्श महसूस किया वहीं नरम गुदगुदी मोटे से हाथ वही गर्माहट वही रेशम आंखों से आंसू अपने आप बह निकले। मानों वह  बस हमेशा यूं ही तैयार रहते हैं बरसने के लिए।   पूरे 569 दिन हो चुके हैं मां को गए  पर … Read more

और तूफान थम गया – नीरजा कृष्णा #लघुकथा

उनके घर में आज बहुत खुशी का माहौल था। उनके छोटे भाई आमोद का विवाह था। माता पिता की अकाल मृत्यु के पश्चात वो और उनके सह्रदय पति विशाल जी ने छोटे से आमोद को गले से लगा लिया था…अब वोही दोनों उसके माँ बाप बन गए थे….उन्होनें उसे दिल से अपनाया था। उसके प्रति … Read more

 बड़ी बहन – प्रीती सक्सेना

आज मेरी शादी है, बारात आने का समय हो चला है, सारे रिश्तेदार आ चुके हैं , मम्मी पापा, भाई सब बहुत ज्यादा व्यस्त हैं, मैं भी आने वाली खुशियों के इंतजार में बहुत खुश भी हूं, और डरी हुई भी, नया घर, नए लोग, नया परिवेश पता नहीं सब कैसा होगा।   अचानक जोर जोर … Read more

अपने बच्चों को ऐसे अंकलों से बचाइए – संगीता अग्रवाल

चार साल की नन्ही टिया भागते हुए अपने प्यारे रवि अंकल की गोद में आकर बैठ गई…रवि अंकल ने भी जेब से चॉकलेट निकाली और टिया को गाल पर किस्सी करने का इशारा किया टिया ने भी झटपट किस्सी कर दी। पर ये क्या अंकल ने जल्दी से चेहरा घुमा लिया और गाल की जगह … Read more

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