बांहों में – कंचन श्रीवास्तव

वो  आखिरी शख्स  था  मेरी जिंदगी में  जिसने मुझे  पहचाना जब  मैंने  उसकी बीमारी में  जी जान से सेवा की  लाख  बुलाने पर भी  घर न गई  ये  कहके  कि जब तक  सांसें हैं  संग रहने दो सब कुछ  दोबारा मिल जाएगा पर  बाप का साया सर से उठा तो तो फिर ना मिलेगा जिसे  … Read more

वो अंतिम कुछ क्षण,पापा के संग – डॉ पारुल अग्रवाल

New Project 80

#पितृदिवस पापा,कहने को छोटा सा शब्द पर अपनेआप में पूरी दुनिया समेटे हुए।आपकी कमी को कोई नहीं भर सकता। सब कहते हैं कि मायका माँ से होता है पर मेरे लिये तो मेरा मायका आपसे शुरु होता था। बहुत सारी बातें बिना कहे रह गई। पापा मेरे से दूर उस समय चले गए जब करोना … Read more

वो पगली – Motivational Short Story In Hindi 

जोर जोर से दरवाजा खटखटाने की आवाज सुन कर मैंने भाग कर दरवाजा खोला तो एक औरत अजीब सा हुलिया ..अंदर घुस आई।मैं एक दम से बहुत ज्यादा डर गई थी।उसने मुझे कुछ नही कहा सीधा वाशरूम में घुस गई। बाहर आकर उसने वाशबेसिन से हाथ मुँह धोया, कुल्ला किया और जैसे आयी थी वैसे … Read more

आईना – डॉ पारुल अग्रवाल

New Project 37

रात को पार्टी थी। पीने-पिलाने का दौर कुछ देर तक चल पड़ा था। सुबह के 11 बजे तनुजा की आंख खुली तो उसने किसी तरह डगमगाते कदमों से बाथरूम की तरफ कदम बढ़ाया। मुंह पर जैसे ही पानी के छपके मारें तो आईने में उसे अपना एक झुर्रीदार भयावह सा चेहरा दिखाई दिया। ये देखकर … Read more

मेरे पापा – प्रीती सक्सेना

New Project 36

पहली बार अपने पापा के के लिए कुछ लिखने जा रही हूं,, मेरे पापा,, श्री बी. पी. सक्सेना,, एक ईमानदार, कर्तव्य निष्ठ, अफसर थे,,, बहुत ज्यादा शांत,,, सरल,, व्यवहार था पापा का,, उनकी दुनियां,, बस कलेक्ट्रेट तक जाना और लौटकर,,, एक बार अपने सभी बच्चों से मिलना, पढाई का पूछना,, बस यहीं तक सीमित  था,, … Read more

औरत की जीवन व्यथा – अनुपमा

New Project 83

इस चित्र के माध्यम से मैं आपको एक स्त्री होना क्या होता है कुछ शब्दों के माध्यम से बतलाना चाहती हू ,जो भी मैं लिखूंगी और जो औरतें महसूस करती है या यूं कहे की अपने जीवनकाल में वो सबकुछ भोगती है क्योंकि वो एक स्त्री है , शब्दों मैं शायद कुछ कमी रह जाए … Read more

जीने की राह – सुषमा यादव

New Project 59

,,, मैं अपनी बेटी के पास इस समय दिल्ली में हूं ,,, मैं खाना बनाना अपने हाथ से ही पसंद करती हूं,,पर इस समय मैं कोई काम नहीं कर सकती,, इसलिए खाना बनाने वाली को रखा गया है,,, मैंने देखा कि,, वो अक्सर ही काले, सफ़ेद,सूट पहन कर आती है ,उसका नाम बेबी है और … Read more

मायके से ज्यादा प्यारा है ससुराल – संगीता अग्रवाल

New Project 59

” बेटा ये भारी भरकम कपड़े उतार कर ये सूट पहन लो !” अपने कमरे में सकुचाई बैठी कुछ घंटों पहले की दुल्हन शीना को उसकी सास कामिनी जी एक सूट पकड़ाते हुए बोली। ” मम्मी जी ये मैं कैसे !!” शीना असमंजस में बोली। उसे मम्मी की कही बात याद आई कि ससुराल में … Read more

चश्मा – गुरविन्दर टूटेजा

कॉलोनी में बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे व थोड़ी दूर लगी बैंच पर कुछ बुजुर्ग बैठे बातें कर रहे थे…!!! तभी अचानक से गेंद आयी और गौरव के दादाजी के चश्में पर लगी और चश्मा गिरकर टूट गया…!!! गौरव व अन्य बच्चे सहमे से खड़े होकर देखने लगे…!!!! दादाजी ने बोला…कोई बात नही बच्चों….तुमसे गलती … Read more

अपने जन्म दाताओं का ध्यान रखो। – संगीता अग्रवाल

” मां ये क्या आप परी की प्लेट से पकौड़े खा रही हैं हद है आपकी भी डॉक्टर ने तला हुआ मना किया भूल गई !” प्रदीप अपनी मां शांति जी पर चिल्लाया। ” पापा आप दादी पर क्यों चिल्ला रहे हैं उन्हें पकौड़े मैं ही देकर गई थी आपको पता नही है क्या दादी … Read more

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