सूर्यास्त के बाद – डॉ पुष्पा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Post View 1,449 सब कुछ स्वप्नवत् सम्पन्न हुआ लगा था। श्रृंगार करती सखियों का परिहास, चारों ओर बिखरा उल्लास, उसे छू भी न सका था। शायद पंडित जी ने उसकी पुकार लगाई थी …………………. ”कन्या को विवाह. मंडप में लाइए यजमान …………….“ निर्वाक् बैठी अमृता को अमिता ने चैतन्य किया था- ”क्या बात है यार, … Continue reading सूर्यास्त के बाद – डॉ पुष्पा सक्सेना : Moral Stories in Hindi