औरतों की जिंदगी में इतनी विवशता क्यों होती है? – नीतू सिंह
Post View 5,831 “रहने दो अनु! अगर उसे खाना नहीं खाना, तो उसकी सिफारिश करने की जरूरत नहीं।’ सुनील की एक तेज आवाज आई। अनु थोड़ा सहम गई। सुनील की बातों का टालना उसके बस में नहीं था फिर भी वह धीमे स्वर में बोली-लेकिन वो रात भर भूखे कैसे रहेंगी?” ‘रह लेगी उसे तो … Continue reading औरतों की जिंदगी में इतनी विवशता क्यों होती है? – नीतू सिंह
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