औरत का औरत पर भरोसा…!! – मीनू झा
कैसी औरत है ये दुकान वाली विनय..इसकी दुकान पर बैठकर दिन भर मनचले आती जाती लड़कियों पर फब्तियां कसते रहते हैं और उन्हें मना करना,डांटना फटकारना तो दूर ये भी टुकुर टुकुर देखती और मजे लेती रहती है। नेहा उसकी भी मजबूरी तो समझो,बेचारी का पति पहले चाय पान की दुकान चलाता था..उसका जबसे एक्सीडेंट … Continue reading औरत का औरत पर भरोसा…!! – मीनू झा
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