और फिर अंधेरा सिमट गया – सरिता गर्ग ‘सरि’ : Moral Stories in Hindi

Post View 1,318 वक्त के थपेड़े खाती नदीम की टूटी कश्ती सी जिंदगी ,निरुद्देश्य बही जा रही थी।जीवन में उत्साह ,उमंग कुछ भी तो नहीं था। कभी कभी  नियति इंसान के साथ कितना क्रूर मजाक कर देती है।           नदीम कोमल हृदय का भावुक इंसान था। पड़ोस में ही माँ की एक सहेली थी, जो काफी … Continue reading और फिर अंधेरा सिमट गया – सरिता गर्ग ‘सरि’ : Moral Stories in Hindi