अटूट है ये बंधन ‘ – विभा गुप्ता 

Post Views: 8    मालती ने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलने का प्रयास किया, सब कुछ उसे धुंधला दिखाई दे रहा था।दवा का असर था और कुछ कमज़ोर भी थी।स्वयं को अस्पताल के बेड पर लेटे देखकर वह चकित रह गई।वह तो मरना चाहती थी, किसने उसे बचा लिया?   ” दादी, अब आप तैसी(कैसी) हैं?” एक तीन … Continue reading अटूट है ये बंधन ‘ – विभा गुप्ता