अतृप्त.  (हॉरर) – सोनिया निशांत कुशवाहा

Post View 330 जून महीने की तपती दुपहरी में तकरीबन 2 बजे दीप्ति के दरवाजे पर दस्तक हुई। घर में सभी लोग खा पीकर आराम फरमा रहे थे। कूलर पूरी ताकत से गरम हवा की लपटों को ठंडी शीतल बयार में बदलने का प्रयास कर रहा था फिर भी नाकाम सा नज़र आ रहा था। … Continue reading अतृप्त.  (हॉरर) – सोनिया निशांत कुशवाहा