आत्मोत्सर्ग ….होलिका का – लतिका श्रीवास्तव 

Post Views: 5 होलिका दहन का समय हो गया है मंजूषा जल्दी आ बेटा क्या कर रही है अभी तक …. मां जोर जोर से आवाज़ लगा रही थीं..उसके ना दिखने पर उनकी आवाज में एक प्रकार की बेचैनी और व्यथा भी झलक जाती थी..मंजूषा रसोई में खामोशी से डिनर की अंतिम डिश मावा वाली … Continue reading आत्मोत्सर्ग ….होलिका का – लतिका श्रीवास्तव