आत्मोत्सर्ग ….होलिका का – लतिका श्रीवास्तव
Post View 2,144 होलिका दहन का समय हो गया है मंजूषा जल्दी आ बेटा क्या कर रही है अभी तक …. मां जोर जोर से आवाज़ लगा रही थीं..उसके ना दिखने पर उनकी आवाज में एक प्रकार की बेचैनी और व्यथा भी झलक जाती थी..मंजूषा रसोई में खामोशी से डिनर की अंतिम डिश मावा वाली … Continue reading आत्मोत्सर्ग ….होलिका का – लतिका श्रीवास्तव
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed