अस्तित्व  – उमा वर्मा

Post Views: 4 दिन का उजाला धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा था, कब से खिड़की के पास खड़ी है गायत्री, समय का पता ही नहीं चला ।अंधेरे ने पंख पसारने शुरू किए तो उठकर खिड़की बंद कर दिया ।घर में अकेली है गायत्री ।बेटा अपनी ससुराल गया हुआ है प्रिया को लिवाने।हर साल गरमी की … Continue reading अस्तित्व  – उमा वर्मा