असमंजस – कमलेश राणा

वीणा शुरू से ही बहुत नाजुक सी थी उसकी माँ कभी भी भारी भरकम काम उससे नहीं करवाती थी।शादी होकर ससुराल आई तो वहाँ भी जो भी मिलने आता यही कहता… कितनी प्यारी बहू लाये है आप… पतली पतली नाज़ुक सी। समय के साथ वह तीन बच्चों की माँ बन गई फिर भी उसकी कमनीयता … Continue reading असमंजस – कमलेश राणा