अशांति – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 10 सुबह के छह बज रहे थे रुक्मिणी को पाँच बजे ही चाय पीने की आदत थी। उन्होंने आवाज़ दी कि बहू चाय बनाएगी क्या? उनकी पुकार सुनते ही सौरभ की नींद भी खुल गई थी । पास में ही सो रही रम्या बड़बड़ाते हुए उठी कि दो मिनट रुक नहीं सकतीं हैं … Continue reading अशांति – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi