अपूर्व बंधन – संध्या पंडित

Post Views: 6             सुबह के ठीक पांच बजकर तीस मिनट पर अलार्म की संगीतमय धुन से मुक्ता जी की नींद टूटी । उनींदी आँखो  से उन्होंने साइड टेबल पर रखा मोबाइल उठाकर ,अलार्म बंद कर, खिड़की के शीशे पर नज़र डाली। रातभर हुई झमाझम बारिश से हवाओं मे नमी थी। शीतल ठंडक का एहसास … Continue reading अपूर्व बंधन – संध्या पंडित