अपनों पर विश्वास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 6,239  ” ये क्या माँ…आप फिर से वही रट लगाकर बैठ गईं हैं।मनीष की बात आप मान क्यों नहीं लेती हैं…।मैं भी निश्चिंत हो जाऊँगी…।” सीमा ने समझाते हुए अपनी माँ वंदना जी से कहा तो वह भड़क उठीं,” हाँ-हाँ..तू तो उसी का पक्ष लेगी लेकिन मैं कहे देती हूँ कि मैं उस … Continue reading अपनों पर विश्वास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi