अपनों का साथ – सुनीता परसाई, : Moral Stories in Hindi

Post Views: 6 रोहन माता-पिता का इकलौता दुलारा बेटा था।माता-पिता खेती करके गुजारा करते थे।जमीन थोड़ी-थोड़ी बेचकर हर साल उसकी इंजीनियरिंग कालेज की फीस जमा करते थे।इसी आशा से कि चार साल बाद सब ठीक हो जायेगा। बेटा होनहार था ।पढ़ाई समाप्त होने के पहले ही उसे अमेरिका में अच्छी नौकरी मिल गयी। माता- पिता … Continue reading अपनों का साथ – सुनीता परसाई, : Moral Stories in Hindi