अपने – ज्योति अप्रतिम

Post View 2,830 सुनो ,एक बात कहना है तुमसे।बहुत दिनों से सोच रहा हूँ ,तुम्हें बताऊँ। नौकरी का कोई भरोसा नहीं है। मंदी को देखते हुए छंटनी हो सकती है। राम ने पत्नी से कहा। तो फिर क्या सोचा आपने ? पत्नी ने चिंतित स्वरों में पूछा। मैं सोच रहा हूँ कि एक छोटा सा … Continue reading अपने – ज्योति अप्रतिम