अपने पराये की समझ ज़रूरत पड़ने पर ही होती है – के कामेश्वरी 

Post View 2,224 घनश्याम जी कोरबा के एक स्कूल में गणित के शिक्षक थे । पत्नी सुकन्या और तीन बच्चों के साथवहाँ वे सालों से रह रहे थे । उनकी दो बेटियाँ थीं और एक बेटा था ।बड़ी बेटी सरोजा,दूसरी बेटी सरलाऔर बेटा सुबोध । घनश्याम जी गणित बहुत अच्छा पढ़ाते थे । अभिभावकों की … Continue reading अपने पराये की समझ ज़रूरत पड़ने पर ही होती है – के कामेश्वरी