अपने और पराए-वक्त ने बतलाए – पूजा मिश्रा
Post View 157 ”कहो राजकरण! कैसा लग रहा है? अब चले, कि अभी अपनी आंखों से और भी कुछ देखना बाकी है।” ”नहीं-नहीं प्रभु, अब इतना सब कुछ देख लिया, अब तनिक इच्छा नहीं करती कि और कुछ अपने आंखों से देखूँ। अभी इसी समय कृपया कर मुझे अपने साथ ले चले प्रभु, कृपया कर … Continue reading अपने और पराए-वक्त ने बतलाए – पूजा मिश्रा
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