अपना सम्मान कराना भी एक कला है – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Post View 333 दिव्या एवं प्रियंक बचपन से अपनी मां को दादी,बुआ एवं पापा द्वारा प्रताड़ित होते देख बड़े हुए थे। पापा बहुत अधिक गुस्सेल एवं पुरुषोचित दंभ से  भरे हुए थे। उनके सामने मम्मी का व्यक्तित्व बहुत ही बौना था।एक स्त्री एवं उनकी पत्नी होने से उनका अस्तित्व, पहचान सिर्फ पापा से ही थी। … Continue reading अपना सम्मान कराना भी एक कला है – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi