अपना कौन – मंजु मिश्रा

Post Views: 17 ये कहानी लगभग 1966 -67 की है।भीषण अकाल पड़ा था।लोग जिस अनाज को पशुओं को खिला देते थे,उसे साफ कर स्वयं खाने को मजबूर थे।दालों के बचे हुए महीन टुकड़ों की रोटी और चावल की कनकी को उबाल कर पीने को मजबूर थे लोग। जिनके पास पिछले वर्ष का अन्न बचा था,उन्हें … Continue reading अपना कौन – मंजु मिश्रा