अपमानित वजूद का बदला – तृप्ति शर्मा
Post View 2,896 आज सविता के हाथ जितनी तेजी से ताली बजाने के लिए उठ रहे थे उतनी ही तेजी से अविरल धारा उसके गालों को भी भिगोती जा रही थी । उसकी नन्ही कोमल सी बिटिया सृष्टि ,जिसे पाकर उसे पहली बार मां शब्द की अनुभूति हुई थी ,उस वक्त सविता अचानक से जिम्मेदार … Continue reading अपमानित वजूद का बदला – तृप्ति शर्मा
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