अपमान – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 2,911 “बेटा! जरा फ्री हो तो … मेरे पांव दबा दो… बहुत दर्द है ।” “हाँ -हाँ तुम्हारी तरह ही फालतू बैठे है… ना…दिनभर तुम्हारे पाँव दबाए… और कोई काम तो है नहीं हमें ।” “रोज-रोज कहाँ कहते है… उमर हो गई है तो … कभी-कभार दर्द होता है तो कहते है…”सरिता रुवाँसी … Continue reading अपमान – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi